Mathura News: 53 दिन से प्रदर्शन जारी, नहीं निकला कोई हल
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Mathura News: वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास अध्यादेश के खिलाफ विरोध का सिलसिला 53वें दिन जारी रहा. रविवार को गोस्वामी समाज और व्यापारी समाज की महिलाओं ने मंदिर के गेट नंबर एक पर इकट्ठा होकर “कृष्ण कृपा कटाक्ष” का पाठ किया और ठाकुर जी से अपनी फरियाद लगाई. इस दौरान उन्होंने सरकार और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए. महिलाओं का कहना था, “53 दिन बीत गए, लेकिन न तो कोई अधिकारी हमारी बात सुनने आया, न ही सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ध्यान दिया.”
पुलिस ने ज्ञापन छीन लिया
शनिवार को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा मंदिर में दर्शन करने आए थे. आरोप है महिलाओं ने उनसे मिलकर अपनी बात रखने और ज्ञापन सौंपने की कोशिश की, लेकिन न सिर्फ उनकी बात अनसुनी रही, बल्कि उनके साथ बदसलूकी भी हुई. गोस्वामी समाज की महिलाओं ने बताया कि पुलिस ने उनके हाथ से ज्ञापन छीन लिया और अभद्र व्यवहार किया. सबसे दुखद बात ये कि मंत्री जी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही पुलिस को कुछ कहा. महिलाओं ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपने ब्रज और कुंज गलियों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं. हम अपनी इन गलियों को मिटने नहीं देंगे और न ही ठाकुर जी से दूर होंगे. ये विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं.”

आजीविका भी दांव पर
महिलाओं का कहना है कि कॉरिडोर बनने से वृंदावन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को नुकसान पहुंचेगा. ये कुंज गलियां, जहां भक्तों को ठाकुर जी की लीलाओं का रस मिलता है, खत्म हो जाएंगी. साथ ही, स्थानीय व्यापारियों की आजीविका भी दांव पर लग जाएगी. उनकी मांग है कि सरकार कॉरिडोर की जगह भीड़ प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपाय करे.
“पुलिस का महिलाओं के साथ गलत व्यवहार”
इस बीच, हरियाणा से आई एक महिला भक्त ने विरोध में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने बताया कि उन्होंने एक वीडियो देखा, जिसमें पुलिस ने गोस्वामी समाज की महिलाओं के साथ बदतमीजी की. वे बोलीं, “पुलिस ने महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया, उनके गलत जगह हाथ लगाए. ये देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए.” इस घटना से आहत होकर उन्होंने ठाकुर जी के सामने अपनी बात रखी और ऐलान किया कि वे सोमवार को सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक मंदिर के गेट नंबर एक पर मौन धारण कर अनशन करेंगी. उन्होंने कहा, “न मैं खाना खाऊंगी, न पानी पिऊंगी. चाहे मेरे प्राण चले जाएं, लेकिन मैं इन कुंज गलियों को बचाने के लिए अनशन करूंगी.”

आंदोलन जारी रहेगा
गोस्वामी समाज और भक्तों का कहना है कि ये कॉरिडोर प्रोजेक्ट उनकी परंपराओं और अधिकारों पर हमला है. वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें मनवाने के लिए अड़े हुए हैं और जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनती, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
