 
                  Mathura: Banke Bihari Corridor के खिलाफ चरम पर पहुंचा विरोध प्रदर्शन
Mathura: Banke Bihari Corridor News
मथुरा की पवित्र नगरी वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर (Banke Bihari Corridor) और अध्यादेश के खिलाफ गोस्वामी समाज का विरोध 22वें दिन भी जोर-शोर से जारी रहा। इस आंदोलन को अब अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा का भी पूर्ण समर्थन मिला है। यह विरोध न केवल मंदिर की प्राचीनता और वृंदावन की कुंज गलियों की रक्षा के लिए है, बल्कि ब्रज की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बचाने का भी एक संकल्प है।
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा का सख्त रुख
बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक पर पहुंचे अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष दुष्यंत सारस्वत ने गोस्वामी समाज के साथ एकजुटता दिखाते हुए सरकार के प्रस्तावित कॉरिडोर और मंदिर अधिग्रहण की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “सरकार का मंदिर अधिग्रहण और कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव पूरी तरह गलत है। यह वृंदावन के मूल स्वरूप को नष्ट करने की साजिश है। अखिल भारतवर्षीय ब्रह्मण महासभा इसका पुरजोर विरोध करती है।”

Banke Bihari Corridor के खिलाफ उठी बुलंद आवाज़
दुष्यंत सारस्वत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो देशभर में आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम मर जाएंगे, लेकिन वृंदावन का स्वरूप और बांके बिहारी मंदिर की पवित्रता को बिगड़ने नहीं देंगे।” यह बयान न केवल उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, बल्कि ब्रजवासियों की भावनाओं को भी व्यक्त करता है।

गोस्वामी समाज का शांतिपूर्ण विरोध
मंदिर के सेवायत रजत गोस्वामी ने बताया कि उनका विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण है और इसमें स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे आराध्य बांके बिहारी जी भी यही चाहते हैं कि हम सरकार के इस फैसले का डटकर विरोध करें और ब्रज की प्राचीनता को बचाएं। हम किसी भी कीमत पर वृंदावन की कुंज गलियों और स्वरूप के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
रजत गोस्वामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताते हुए कहा, “योगी जी एक राम भक्त और संत हैं। हमें लगता है कि कुछ लोग उनके कान भरकर गलत सलाह दे रहे हैं। अगर हमें उनसे मिलने का मौका मिला, तो हम उन्हें समझाएंगे कि ब्रज का स्वरूप और सांस्कृतिक धरोहर कैसे बचाई जा सकती है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सड़कों को चौड़ा करके और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुधारकर विकास किया जा सकता है, बिना वृंदावन की प्राचीन गलियों और सभ्यता को नुकसान पहुंचाए।
वृंदावन की कुंज गलियों का महत्व
वृंदावन की कुंज गलियां न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अनमोल हैं। गोस्वामी समाज और स्थानीय लोग मानते हैं कि कॉरिडोर निर्माण से इन गलियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा, जिससे वृंदावन की पहचान और आध्यात्मिक रस नष्ट हो जाएगा। रजत गोस्वामी ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि भीड़ और अव्यवस्था के लिए प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है, जिसे सुधारने की जरूरत है।
कॉरिडोर के विरोध में समर्थन की बढ़ती लहर
गोस्वामी समाज के इस आंदोलन को न केवल अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, बल्कि कई अन्य सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। कुछ राजनीतिक नेता, जैसे कांग्रेस के कार्यकर्ता, भी इस विरोध में शामिल हुए हैं। इससे ये स्पष्ट होता है कि ये मुद्दा केवल गोस्वामी समाज का नहीं, बल्कि पूरे ब्रज क्षेत्र की आस्था और संस्कृति से जुड़ा है।
विरोध में शामिल लोगों के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और अध्यादेश के खिलाफ चल रहा विरोध वृंदावन की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बचाने की एक सामूहिक लड़ाई है। लोगों का मानना है कि अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा और गोस्वामी समाज का यह संयुक्त प्रयास सरकार को यह संदेश देता है कि विकास के नाम पर धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं की जाएगी। यह आंदोलन न केवल वृंदावन की कुंज गलियों को बचाने की कोशिश है, बल्कि ब्रज की आत्मा को संरक्षित करने का भी संकल्प है।

 
         
         
         
        