Mathura Illegal Mining Case में सुनील चैन गिरफ्तार, माया टीला हादसे का खुलासा
लोकेशन-मथुरा
संवाददाता-अमित शर्मा
Mathura Illegal Mining Case– मथुरा में रविवार को माया टीला के पास हुए दिल दहला देने वाले हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया।रविवार को माया टीला के नीचे जब तीन इंसानों की सांसें दबकर थम गईं, तब जाकर प्रशासन की नींद खुली। कोई जलजला नहीं था, कोई भूकंप नहीं—बस थी लालच से की गई खुदाई और कानून से खिलवाड़। मथुरा के बैरागपुरा इलाके में मौत खुदाई की शक्ल में उतरी थी, और लोग मिट्टी में ऐसे समा गए जैसे वो कभी थे ही नहीं।
घटना के बाद पूरा इलाका मातम में डूब गया। मगर पुलिस की फाइलें तब खुलीं जब सुनील चैन नाम का ‘जमीन चबाने वाला राक्षस’ फरार मिला और लोगों का गुस्सा सड़कों पर फट पड़ा। टीले की मिट्टी ने ज़िंदगी की नींव लील ली, और ‘system’ ने हमेशा की तरह अपना पल्ला झाड़ लिया।
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इसके साथ ही पप्पू ठेकेदार—जिसने मजदूरों से गैरकानूनी खुदाई करवाई—भी अब थाने की मिट्टी चाट रहा है। सवाल ये है कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी प्रशासन कब तक आँखें मूंदे रहेगा? अवैध खनन से करोड़ों की मिट्टी खंगालने वाले ये लोग क्या सिर्फ तब पकड़े जाएंगे जब लाशें गिननी पड़ेंगी?
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आखिर कब रुकेगा अवैध खनन का खेल?
जब खनन से पहले ज़मीर की खुदाई जरूरी हो
Govind Nagar की गलियों में आज लोग उस मिट्टी को कोस रहे हैं जो कभी उनके घर की बुनियाद थी। कोई नहीं जानता था कि जिस टीले पर बचपन खेला, वही एक दिन कब्र बन जाएगा। तीन लाशें बता रही हैं कि अवैध खनन केवल ज़मीन नहीं निगलता, इंसानियत भी डकार जाता है।
लेकिन असली सवाल ये है कि ये अवैध खेल कब तक यूं ही चलता रहेगा? कितने और माया टीले चाहिए सरकार को, कितने और इनामी सुनील चैन पैदा होंगे, और कब तक ये illegal mining mastermind पब्लिक की कब्र खोदते रहेंगे?
अब वक्त आ गया है कि माया टीले की मिट्टी को सबक बनाओ, और इस मिट्टी से उगते हर खुदाई के ठेकेदार को जेल का GPS दिखाओ।
