
Mathura Building Collapse
मथुरा में 15 जून, 2025 को हुए Mathura Building Collapse ने गोविंद नगर में 8 मकानों को मलबे में बदल दिया, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं. मिट्टी के टीले के धंसने से हुई इस त्रासदी ने सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया। 2024-25 में भारत में 100+ भवन हादसों में 300+ मौतें हुईं। क्या Mathura Building Collapse के बाद प्रशासन जागेगा? #BuildingSafety

संवाददाता-अमित शर्मा
मथुरा में मिट्टी धंसने से हुआ भयानक हादसा
15 जून, 2025 की दोपहर मथुरा के गोविंद नगर में एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। मिट्टी के टीले पर बने 8 से अधिक मकान अचानक भरभराकर ढह गए, जिसके मलबे में कई लोग दब गए। इस हादसे में (Mathura Building Collapse) 38 साल के तोताराम के अलावा दो और लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल हुए हैं. हादसे के बाद मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों को समझ ही नहीं आया कि यह विपदा कैसे आई।
चश्मदीदों के मुताबिक, ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। मकानों की छतें और दीवारें पलक झपकते ही ढह गईं, और कई लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। यह हादसा दोपहर करीब 12 बजे हुआ, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में थे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पास में चल रहे निर्माण कार्य के कारण मिट्टी का टीला अचानक धंस गया, जिससे एक के बाद एक 8 मकान जमीन में समा गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही मथुरा-वृंदावन नगर निगम, पुलिस, दमकल विभाग, और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन फौरन शुरू किया गया, मलबे से निकाले गए तोताराम को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई, और कुछ को गंभीर हालत में नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

पूर्व पार्षद हेमंत ने बताया कि यह इलाका मथुरा-वृंदावन नगर निगम के वार्ड 58 में आता है। उन्होंने कहा कि, “निर्माण कार्य के कारण टीला अस्थिर हो गया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। प्रशासन और नगर निगम की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन अभी भी मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है।”
Mathura Building Collapse और भारत में भवन हादसों के आंकड़े (2024-25)
Mathura Building Collapse भारत में असुरक्षित निर्माण और लापरवाही के बढ़ते मामलों को दर्शाता है। 2024-25 के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर:
भवन ढहने की घटनाएं: 2024 में भारत में 100 से अधिक भवन ढहने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 300 से अधिक मौतें और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए।
उत्तर प्रदेश में स्थिति: उत्तर प्रदेश में 2024 में 15 प्रमुख भवन हादसे हुए, जिनमें 50 से अधिक मौतें हुईं। मथुरा में पिछले एक साल में 3 भवन हादसे (जुलाई 2024 में पानी की टंकी, सितंबर 2024 में दीवार, और अब यह) दर्ज किए गए।
कारण: पुराने भवनों की खराब स्थिति, अवैध निर्माण, और मिट्टी की स्थिरता की जांच में लापरवाही इसका प्रमुख कारण हैं।
सरकार भवन हादसों को रोकने के लिए क्या कर रही है?
भारत सरकार और उत्तर प्रदेश प्रशासन ने भवन हादसों को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं:
भवन सुरक्षा नियम:
पुराने और असुरक्षित भवनों की नियमित जांच के लिए नगर निगमों को निर्देश दिए गए हैं।
नए निर्माण के लिए मिट्टी की जांच और मजबूत नींव के मानक जरूरी किए गए।
कानूनी कार्रवाई: मथुरा में पिछले हादसों (जैसे पानी की टंकी ढहने) के बाद दोषी ठेकेदारों पर FIR दर्ज की गई। Mathura Building Collapse में भी जांच शुरू हो गई है।
जागरूकता अभियान: नागरिकों को अवैध निर्माण की शिकायत करने के लिए टोल-फ्री नंबर और ऑनलाइन पोर्टल दिए गए हैं।
आपातकालीन सेवाएं: शहरी क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए विशेष टीमें और उपकरण तैनात किए गए हैं।
Mathura Building Collapse से सबक
Mathura Building Collapse एक चेतावनी है कि हमें भवन निर्माण में सुरक्षा मानकों को और सख्त करना होगा। स्थानीय प्रशासन को निर्माण कार्यों की निगरानी बढ़ानी चाहिए, और नागरिकों को भी असुरक्षित भवनों की शिकायत करने में सक्रिय होना चाहिए। यह हादसा उन परिवारों के दुख की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।