मथुरा के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के विरोध में DM से मिलनें पहुंचा गोस्वामी समाज और स्थानीय लोग. DM नहीं मिले तो ADM को सौंपा ज्ञापन. संस्कृति और विरासत बचाने की मांग
संवाददाता : अमित शर्मा, मथुरा
Mathura : UP के मथुरा में विश्व प्रसिद्ध Banke Bihari Corridor और उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन लगातार तेज़ होता जा रहा है. इसी के चलते गोस्वामी समाज और स्थानीय निवासियों ने 28 जुलाई, सोमवार के दिन जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा… इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने अपनी मांगें रखीं. साथ ही मंदिर की संस्कृति और विरासत को बचाने की अपील की.
ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया

गोस्वामी समाज की महिलाओं और स्थानीय लोगों ने जिला अधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें बताया गया कि DM छुट्टी पर हैं. करीब दो घंटे के इंतजार के बाद, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) पंकज कुमार वर्मा ने प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन स्वीकार किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कॉरिडोर और न्यास के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग की.
गोस्वामी समाज की प्रमुख मांगें
श्यामा गोस्वामी ने कहा, “हमने जिला अधिकारी के माध्यम से अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन वह हमसे नहीं मिले… हमें बताया गया कि वह व्यस्त हैं. जब DM हमसे मिलना ही नहीं चाहते तो हम अपनी बात कैसे रखें? हमने ADM को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखी हैं”.
नीलम गोस्वामी ने बताया, “पिछले दो महीनों से हमारा विरोध प्रदर्शन चल रहा है लेकिन कोई भी हमसे मिलने नहीं आया. आज हम DM कार्यालय आए, लेकिन यहां भी DM नहीं मिले. हमारी मांग है कि मंदिर का अधिग्रहण और कॉरिडोर निर्माण रोका जाए. यदि कॉरिडोर बनाना ही है तो इसे यमुना नदी के पार बनाया जाए जहां विकास की जरूरत है. वृंदावन और ब्रज की मूल संस्कृति और विरासत को वैसे ही रहने दिया जाए. यहां कॉरिडोर की नहीं बल्कि बेहतर व्यवस्था की जरूरत है”.
ज्ञापन पर ADM का बयान

ADM पंकज कुमार वर्मा ने कहा, “आज गोस्वामी समाज की महिलाओं और स्थानीय व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा है… इससे पहले भी व्यापारी वर्ग और अन्य लोगों के ज्ञापन लिए गए थे. सभी ज्ञापनों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा”.
आखिर क्यों हो रहा है विरोध?
Banke Bihari Mandir Corridor और न्यास के गठन का विरोध गोस्वामी समाज और स्थानीय निवासियों द्वारा लंबे समय से किया जा रहा है. उनका कहना है कि यह कॉरिडोर वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों और सांस्कृतिक विरासत को नष्ट कर देगा. मंदिर के परंपरागत सेवायत गोस्वामी समुदाय का मानना है कि सरकार द्वारा गठित न्यास मंदिर का प्रबंधन उनका पारंपरिक नियंत्रण छीन लेगा. इसके अलावा लगभग 275 परिवार और 200 दुकानदारों को विस्थापन का डर सता रहा है. प्रशासन ने इन परिवारों को रुकमणी विहार और सुनरख बांगर में 325-350 फ्लैट्स के साथ पुनर्वास की योजना प्रस्तावित की है लेकिन गोस्वामी समुदाय का कहना है कि उन्हें इस योजना की जानकारी नहीं दी गई.
