Har-Har Mahadev:भगवान शिव पूरी करेंगे हर एक मुराद
Har-Har Mahadev
सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, और आज पहला सोमवार है, जो भगवान शिव (Mahadev) के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. सावन का प्रत्येक दिन भोलेनाथ की भक्ति में डूबने का अवसर देता है, लेकिन सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. ये दिन भोलेनाथ की कृपा पाने और मन की शांति के लिए खास माना जाता है. अगर आप सावन के पहले सोमवार को शिव जी की पूजा करना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं इसे शास्त्रीय और सरल तरीके से कैसे करें, ताकि आपकी भक्ति भोलेनाथ के चरणों तक पहुंचे.
सुबह की शुरुआत और तैयारी
सावन के सोमवार को ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-5 बजे) में उठें. स्नान करने के बाद स्वच्छ, हल्के रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि शिव जी को सफेद और हल्के रंग प्रिय हैं.यदि संभव हो, तो मंदिर जाएं.अगर मंदिर जाना संभव न हो, तो घर में ही शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें.पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और एक चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं.
पूजा सामग्री का प्रबंध
शिव पूजा के लिए कुछ खास सामग्री चाहिए: गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शहद, घी, चीनी, बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला), धतूरा, भांग, आक के फूल, चंदन, जनेऊ, कमल या कनेर के फूल, अक्षत (चावल), अगरबत्ती, कपूर, और दीपक.बेलपत्र और धतूरा शिव जी को अति प्रिय हैं, इसलिए इन्हें जरूर शामिल करें.साथ ही, प्रसाद के लिए मिठाई या फल रखें.
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शिव का जलाभिषेक और पूजा
सबसे पहले शिवलिंग को साफ पानी से स्नान कराएं. इसके बाद गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और चीनी से क्रमबद्ध अभिषेक करें.प्रत्येक सामग्री चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. अभिषेक के बाद शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं और बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, और जनेऊ चढ़ाएं.बेलपत्र का चिकना हिस्सा शिवलिंग की ओर होना चाहिए.फूल और अक्षत अर्पित करें.अगर संभव हो, तो शिवलिंग को रुद्राक्ष माला से सजाएं.
मंत्र जाप और भक्ति भजन
पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्र को श्रद्धा के साथ जपें. अगर समय हो, तो शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा, या रुद्राष्टक का पाठ करें.ये भोलेनाथ को प्रसन्न करने के प्रभावशाली साधन हैं. पूजा के अंत में कपूर और घी के दीपक से शिव आरती करें और “हर हर महादेव” या “बम बम भोले” के जयकारे लगाएं.
व्रत और दान का महत्व
सावन के सोमवार को व्रत रखना शुभ माना जाता है. व्रत में फल, दूध, या सात्विक भोजन लें. दिनभर मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से बचें. कांवड़ियों की मदद करें, जैसे उनके लिए पानी, भोजन, या विश्राम की व्यवस्था करें. गरीबों को दान देना भी पुण्यकारी है.
मन की शुद्धता और भक्ति
शिव पूजा में सबसे जरूरी है सच्ची श्रद्धा और शुद्ध मन. भोलेनाथ भोले हैं, वे सादगी और प्रेम से की गई पूजा से जल्दी प्रसन्न होते हैं. सावन के इस पवित्र सोमवार को अपनी भक्ति को और गहरा करें, और भोलेनाथ की कृपा से जीवन में सुख-शांति और आपके जीवन की अच्छी ख़बर पाएं. हर हर महादेव!
