माधौगढ़ तहसील

जनसुनवाई में जालौन की माधौगढ़ तहसील ने रचा इतिहास, पूरे उत्तर प्रदेश में बनी नंबर वन तहसील

माधौगढ़ तहसील ने जनसुनवाई पोर्टल पर मारी बाजी, उत्तर प्रदेश में हासिल किया पहला स्थान। अब आपके जिले की बारी है?

लोकेशन-जालौन। 

ईंटों (जालौन) — उत्तर प्रदेश की जनसुनवाई प्रणाली में पारदर्शिता और तत्परता का नया अध्याय लिखते हुए, जनपद जालौन की माधौगढ़ तहसील ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि जनसुनवाई पोर्टल (IGRS) पर मिली शिकायतों के त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक समाधान के लिए दी गई सतत मेहनत और प्रशासनिक प्रतिबद्धता का नतीजा है।

माधौगढ़ तहसील में जनशिकायतों का किया त्वरित समाधान

इस सफलता के सूत्रधार रहे माधौगढ़ के उपजिलाधिकारी (SDM) मनोज कुमार सिंह, जिन्होंने न केवल जनशिकायतों को गंभीरता से लिया, बल्कि उनके त्वरित समाधान के लिए संबंधित विभागों को लगातार निर्देशित करते रहे। हर शिकायत की समीक्षा उनकी निगरानी में हुई, और तय समयसीमा के भीतर समाधान सुनिश्चित किया गया।

माधौगढ़ तहसील को कैसे मिली यह सफलता?

प्रदेश स्तर पर IGRS पोर्टल पर मिली हजारों शिकायतों के निस्तारण को लेकर राज्यस्तरीय मूल्यांकन किया गया। इस मूल्यांकन में केवल निस्तारण की संख्या नहीं, बल्कि समाधान की गुणवत्ता, शिकायतकर्ता की संतुष्टि और समयबद्ध कार्रवाई जैसे मानकों को भी शामिल किया गया।

इन सभी पैमानों पर माधौगढ़ तहसील ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे उत्तर प्रदेश की अन्य तहसीलों को पछाड़ दिया। इस उपलब्धि से जालौन जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।

टीमवर्क और जनसेवा का नतीजा

इस उपलब्धि को लेकर तहसील कर्मियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। एसडीएम मनोज कुमार सिंह की अगुवाई में काम करने वाली टीम इसे “जनसेवा की दिशा में साझा प्रयास का परिणाम” मानती है।

कैसे तय हुई माधौगढ़ तहसील की पहले मंजिल की दूरी?

शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित कर, शिकायतकर्ताओं से सीधा फीडबैक लेकर समाधान की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई। यही कार्यशैली माधौगढ़ तहसील को प्रदेश की “जनसुनवाई की आदर्श इकाई” के रूप में स्थापित करने में निर्णायक साबित हुई।

प्रेरणा बनी माधौगढ़ तहसील

यह सफलता न केवल माधौगढ़ तहसील के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अन्य तहसीलों के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल बन गई है। प्रशासनिक पारदर्शिता, समयबद्धता और जनसमस्या के प्रति संवेदनशीलता को अगर यही तेवर और रफ्तार मिले, तो प्रदेश की प्रशासनिक कार्यसंस्कृति में बड़ा बदलाव संभव है।

जनसेवा को दें प्राथमिकता

एसडीएम मनोज कुमार सिंह और उनकी टीम ने जो किया, वह जनसेवा को प्राथमिकता देने वाली प्रशासनिक सोच की मिसाल बन गया है। अगर सूबे के बाकी राज्य भी ऐसा ही करें, तो जनसुवाई पोर्टल पर जनता की समस्याओं की लंबी फेहरिस्त तैयार ही न हो।

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