Moradabad Thakurdwara Love Trap
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में सात साल तक शादी का सपना दिखाकर युवती को Love Trap में फँसाया गया। होटल में इश्क़, सोशल मीडिया पर अश्लीलता और शादी से पहले भाग जाना—इस कहानी ने भरोसे, इज़्ज़त और इंसाफ़ तीनों का जनाज़ा निकाल दिया।
Love Trap की लव स्टोरी: होटल में इश्क़, समाज में थप्पड़
ठाकुरद्वारा की सुबह उस वक्त गरमा गई जब एक युवती सात साल की मोहब्बत का हिसाब माँगने अपने आशिक़ के दरवाज़े जा पहुँची। रिज़वान नाम का ये ठेके का आशिक़ जब सात साल तक होटलों में इश्क़ लुटाता रहा( Love Trap), तब किसी को कोई परहेज़ नहीं था। लेकिन जैसे ही बात शादी की आई, मियाँ साहब घर से फरार हो गए।
पीछे रह गई एक लड़की—जिसके भरोसे का जनाज़ा गली-गली निकला। प्रेमिका का आरोप है कि रिज़वान ने शादी का वादा कर-करके उसे कई बार होटल ले जाकर शोषण किया। अब जब शादी की बारी आई तो न ‘निकाह’ हुआ, न ‘न्याय’।
🗯 Emotional Exploitation की नई परिभाषा: शादी मांगी, थप्पड़ मिले
लड़की सिर्फ़ शादी मांगने आई थी, लेकिन रिज़वान के घरवालों को ये मांग इतनी नागवार गुज़री कि जवाब में उसे गालियां, घूंसे और लातें मिलीं। यानी सात साल की ‘सेवा’ का इनाम कुछ यूं मिला जैसे समाज ने कहा हो, “बहन, तू ही गुनहगार है!”
सात साल पहले, उत्तराखंड की इस युवती की मुलाकात जाफराबाद के रिजवान से हुई। रिजवान ने प्यार और शादी के वादे किए, जिस पर युवती ने भरोसा कर लिया। लेकिन यह रिश्ता जल्द ही धोखे की दलदल में तब्दील हो गया। रिजवान ने शादी का झांसा देकर युवती को अलग-अलग होटलों में ले जाकर उसका यौन शोषण किया। युवती, अपने प्रेमी के वादों पर भरोसा करते हुए, वर्षों तक इस शोषण को सहती रही, यह सोचकर कि एक दिन उसका सपना सच होगा। यह कहानी बताती है कि कैसे कुछ लोग भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाकर दूसरों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं।
इस पूरे emotional exploitation में पुलिस भी जैसे दर्शक बनकर खड़ी रही। 112 नंबर पर कॉल तो हुआ, पर जो इंसाफ़ आना था, वो शायद नेटवर्क में ही अटक गया। लैंसेट जर्नल की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 30.8% लड़कियां 18 साल से पहले यौन हिंसा का शिकार होती हैं।
टूटने की कगार: प्रेमी ने तोड़ा रिश्ता, बर्बाद की जिंदगी
Moral Support या सामूहिक मारपीट? रिज़वान के घर वालों ने निभाई परंपरा
थाकुरद्वारा की गली में इज्ज़त की चित्ता जली, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली
जब प्रेमी फरार और पुलिस बेखबर हो, तो लड़की को सरेआम बैठकर अपनी इज्ज़त का तर्पण करना पड़ता है। घंटों सड़क पर बैठी लड़की का एक-एक आँसू पूछता रहा:
“क्या प्रेम करना गुनाह है? या गुनाह है किसी पर भरोसा करना?”
लेकिन ठाकुरद्वारा की गलियों में जवाब नहीं मिला—सिर्फ़ ताने, छींटाकशी और मुँह फेरती भीड़ मिली।
यह घटना समाज में व्याप्त उस मानसिकता को दर्शाती है, जहां पीड़िता को दोषी ठहराया जाता है और अपराधी को बचाने की कोशिश की जाती है। 2014 के यूनिसेफ सर्वे के अनुसार, भारत में 42% लड़कियां 19 साल से पहले यौन हिंसा का शिकार होती हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले परिवार या परिचितों द्वारा होते हैं। इस मामले में भी, रिजवान के परिवार ने पीड़िता को अपमानित किया, जो समाज की पितृसत्तात्मक सोच को दर्शाता है।
Love Trap का आखिरी चैप्टर: समाज कब सीखेगा भरोसा तोड़ने वालों को नायक बनाना बंद करना?
इस पूरे Love Trap ने समाज का असली चेहरा सामने रख दिया है—जहां लड़की की गलती सिर्फ़ इतनी है कि उसने किसी से मोहब्बत कर ली। और लड़के की मर्दानगी बस इतनी कि वो होटल तक साथ गया, शादी तक नहीं।
ये सिर्फ़ मुरादाबाद की घटना नहीं है, ये हर उस लड़की की कहानी है जो भरोसे में जली, और समाज ने राख पर भी सवाल किए।
✍️ रिपोर्टर: सलमान युसूफ
📍लोकेशन: ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद
🌐 प्लेटफॉर्म: Khabri Laal. Digital
