 
                  हरियाणा के पंचकूला के Morni Hills में लैंडस्लाइड… रायपुर रानी से मोरनी जाने वाली रास्ता बंद. कई गांवों का कटा संपर्क… ग्रामीण खुद कर रहे हैं रास्ता साफ.
Panchkula : एक तरफ देवभूमि उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही देखने को मिल रही है तो वहीं Haryana के पंचकूला जिले के Morni Hills इलाके में भी लगातार बारिश और Landslide ने भारी तबाही मचाई है… रायपुर रानी से मोरनी को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग भूस्खलन के मलबे से पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है. सड़कों पर भारी मात्रा में पत्थर, मिट्टी और मलबा जमा होने से यातायात ठप हो गया है. हालात इस कदर खराब हैं कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है. इससे Morni Hills के कई गांवों का जिला मुख्यालय और अन्य क्षेत्रों से संपर्क कट गया है.
स्थानीय लोगों का प्रयास

प्रशासन की ओर से JCB या अन्य भारी मशीनरी अभी तक मौके पर नहीं पहुंची है… नतीजा ये हुआ कि मोरनी और आसपास के गांवों जैसे थाना, दपाना, सिरमड़ा, कमराड़ी और गुल्लरवाला के ग्रामीणों ने खुद फावड़े, तसले और अन्य औजारों से मलबा हटाने की कोशिश शुरू कर दी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क पर इतना मलबा है कि छोटे वाहन और बाइक भी नहीं निकल पा रहे. बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन खिसकने का खतरा और बढ़ गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो रही है.
मोरनी-बड़ी शेर मार्ग भी प्रभावित
Morni Hills से बड़ी शेर को जोड़ने वाली सड़क भी Landslide की चपेट में है… इस मार्ग पर मलबा गिरने से यातायात बाधित है और ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. Morni Hills, जो शिवालिक रेंज का हिस्सा है और समुद्र तल से 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन बारिश और भूस्खलन ने इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बुरी तरह प्रभावित किया है.
प्रशासन का दावा और वास्तविकता

Panchkula प्रशासन ने दावा किया है कि लोक निर्माण विभाग (PWD) को मलबा हटाने के निर्देश दिए गए हैं… हालांकि भारी बारिश और पहाड़ी क्षेत्र की जटिलता के कारण मलबा हटाने में देरी हो रही है. ग्रामीणों और शिवालिक विकास मंच ने प्रशासन से मांग की है कि भूस्खलन रोकथाम के लिए स्थायी उपाय किए जाएं जैसे रिटेनिंग वॉल और ड्रेनेज सिस्टम की स्थापना. साथ ही, Emergency के लिए हेलिकॉप्टर या वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाए ताकि कटे हुए गांवों तक जरूरी सामान और मेडिकल सहायता पहुंच सके.

 
         
         
        