 
                  Lalu Yadav इस बार अपने छोटे बेटे तेजस्वी को बना पाएंगे मुख्यमंत्री – RJD की बड़ी चुनावी बैठक में क्या-क्या हुआ – जानें पूरा अपडेट
बिहार चुनाव 2005 : RJD की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़ा फैसला – मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध – तेजस्वी ने की आयोग से मुलाकात – Lalu Yadav फिर RJD अध्यक्ष
खबरीलाल.डिजिटल रिपोर्टर – पटना ब्यूरो
4 जुलाई 2025 : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में Lalu Yadav को एक बार फिर निर्विरोध चुना गया है। शुक्रवार को पटना में आयोजित राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा के साथ ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पर गहन विचार-विमर्श हुआ। 
Lalu Yadav का 13वां कार्यकाल
Lalu Prasad Yadav को उनके 13वें कार्यकाल के लिए राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। एकमात्र नामांकन होने के कारण उनकी पुन: नियुक्ति औपचारिकता थी – जिसे शुक्रवार को पटना के एक प्रमुख होटल में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूरा किया गया। बैठक की शुरुआत लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान – बिहार विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति, मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
5 जुलाई को बापू सभागार में राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी, जिसमें लालू प्रसाद यादव को निर्विरोध निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रमाणपत्र सौंपा जाएगा। इसके बाद उनके नेतृत्व में पार्टी का खुला अधिवेशन आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पारित प्रस्तावों पर चर्चा और अनुमोदन किया जाएगा।
मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ RJD का कड़ा रुख
पटना के होटल मौर्या में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव आयोग द्वारा विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण के फैसले का कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए Lalu Yadav ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव के लिए तैयार है – उन्होंने तेजस्वी यादव की उपमुख्यमंत्री के रूप में 17 महीनों की उपलब्धियों को ऐतिहासिक बताते हुए इसे एक मिसाल करार दिया। 
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे गरीबों, दलितों, अति पिछड़ों, पिछड़ों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों के मताधिकार को छीनने की साजिश करार दिया – उन्होंने इस प्रक्रिया को अव्यवहारिक और जनविरोधी ठहराया।बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने स्वागत भाषण दिया – जबकि राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सांगठनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 
शिवचंद्र राम ने राजनीतिक प्रस्ताव…आलोक कुमार मेहता ने सामाजिक प्रस्ताव, इसराइल मंसूरी ने आर्थिक प्रस्ताव और मनोज कुमार झा ने विदेश नीति से संबंधित प्रस्ताव पेश किया। 
बैठक का संचालन राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने किया। बैठक के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण को अव्यवहारिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए अपनी आपत्ति दर्ज की। साथ ही, आधार कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड को मतदाता सूची पुनरीक्षण में मान्यता देने की मांग की – ताकि गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के मताधिकार को सुनिश्चित किया जा सके।

RJD के नए फैसलों से बिहार को जीत पाएंगे?
राजद की यह बैठक बिहार के सियासी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व और तेजस्वी यादव की युवा ऊर्जा के साथ राजद ने न केवल संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया है – बल्कि मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे मुद्दों पर भी आक्रामक रुख अपनाया है। बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की रणनीति पार्टी के जनाधार को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन लालू यादव के हाथ फिर RJD की कमान और नए सियासी पैंतरे क्या तेजस्वी को सीएम की कुर्सी दिला पाएंगे – इसके लिए चुनाव नतीजों तक इंतजार करना होगा।
                            
                        
	                    
 
         
         
        