
ख्वाजा आसिफ
ख्वाजा आसिफ का ये बयान चौंका देगा: ‘अमेरिका जंग से कमाता है मुनाफा’, जानें पूरा सच

ख्वाजा आसिफ का विस्फोटक बयान!
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, अपने देश के ऐसे बयान बहादुर हैं, जो अक्सर ही अपने देश को मुश्किलों में डाल देते हैं। गाहे-बगाहे वो ऐसा बयान दे देते हैं. जिससे पाकिस्तान की भद्द पिट जाती है। एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा ही बयान दिया है। ख्वाजा आसिफ ने इस बार भी जो बयान दिया है, उससे अमेरिका भी बौखला गया है। ख्वाजा आसिफ के इस बयान में कितनी सच्चाई है। और इसका वैश्विक प्रभाव क्या होगा, चलिए विस्तार से बताते हैं आपको।
ख्वाजा आसिफ ने ये क्या कह दिया?
पाकिस्तान के बड़बोले मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक चौकाने वाला बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस बयान में ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका को लेकर बड़ी बात कह दी है। ख्वाजा आसिफ का दावा है कि, ‘अमेरिका दुनिया को जंग में फंसाकर मुनाफा कमाता है’। पाकिस्तानी मंत्री के इस बयान ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। खासकर हाल ही में भारत-पाकिस्तान जंग को लेकर ख्वाजा आसिफ के बयान को गहराई से देखा जा रहा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि,’अमेरिका के पास हथियारों का बड़ा बाजार है। जिसका जीडीपी में बड़ा योगदान है। इसलिए अमेरिका जानबूझकर संघर्ष को बढ़ावा देता है‘।

“अमेरिका को किसी भी देश में जंग हो, उससे फर्क नहीं पड़ता। उसे तो बस हथियार बेचने हैं और अर्थव्यवस्था को चलाना है। दुनिया जले, अमेरिका का फायदा हो।”-ख्वाजा आसिफ
पहले भी फोड़ चुके हैं बयानों का ‘एटम बम’
ख्वाजा आसिफ ने ये बयान कहां और कब दिया है,अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है। ख्वाजा आसिफ के इस बयान की पाकिस्तानी मीडिया ने भी पुष्टि नहीं की है। इससे पहले ब्रिटिश मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में भी उन्होंने पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवादियों के पनाह लेने की बात कबूली थी। और इसका आरोप भी उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशो पर मढ़ दिया था। उन्होंने इसे उन देशों का डर्टी वर्क बताया था।
ख्वाजा आसिफ के बयान में कितनी सच्चाई?
यहां सवाल उठता है कि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान में कितनी सच्चाई है? अगर तथ्यों पर गौर करें तो ये बात साफ हो जाती है कि, दुनिया में अब तक जितने भी युद्ध हुए हैं, उसमें ज्यादातर से अमेरिका और उसकी हथियार बनाने वाली कंपनियों को फायदा हुआ है। मसलन अफगानिस्तान और इराक से जंग के दौरान पेंटागन का खर्च 14 ट्रिलियन डॉलर से भी ऊपर चला गया था। जानकारों का भी यही कहना है कि, अमेरिका हथियारों की ब्रिकी और युद्ध से अरबों डॉलर का मुनाफा कमाता है।
अमेरिका की युद्ध अर्थव्यवस्था से मतलब क्या?
जैसा कि आप जानते हैं कि,अमेरिका की इकोनॉमी में सैन्य क्षेत्र का बड़ा हिस्सा होता है। अगर अमेरिका के रक्षा बजट की बात करें तो ये दुनिया में किसी भी देश से बहुत ज्यादा है। अमेरिका का ये रक्षा बजट न केवल उसकी सैन्य ताकत को बढ़ाता है, बल्कि हथियार बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों को भी लाभ पहुंचाता है। SIPRI के आंकड़ों की माने तो 2020 से 24 तक अमेरिका ने दुनिया को 43प्रतिशत हथियार निर्यात किया। जबकि इस दौरान रूस के हथियार निर्यात में खासी कमी आई, और ये 64 प्रतिशत तक गिर गया है। इसका मतलब यही है कि, हथियारों के बाजार में अमेरिका का दबदबा बना हुआ है।
ख्वाजा आसिफ के बयान का वैश्विक प्रभाव क्या?
दरअसल ख्वाजा आसिफ ने इसी ओर इशारा किया है कि, अमेरिका अपनी हथियार बनाने वाली कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही सारा ताना बाना बुनता है। और जब जंग शुरू हो जाती है, तो फिर हथियारों की डिमांड पूरी कर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। जहां तक पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान से विश्व में पड़ने वाले असर की बात है तो,इसमें दो राय नहीं है कि, ख्वाजा आसिफ का ये बयान पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों पर खासा असर डालेगा। और हो सकता है कि, आने वाले वक्त में उसे कहीं से मिलने वाली मदद पर रोक भी लग जाए।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भी इस बात को भंली-भांति जान रहे होंगे,बावजूद उनका इस तरह का बयान देना कहीं न कहीं ये दिखाता है कि, अब पाकिस्तान को अमेरिका की जरूरत नहीं है। क्योंकि उसे चीन का साथ मिल चुका है, जो उसके साथ हर हाल में खड़ा रहता है।