पंजाब का माहौल बिगाड़ना चाहता है आतंकी पन्नू… फिर करवा रहा Referendum. 23 नवंबर को Canada के ओटावा में वोटिंग के लिए कनाडा सरकार ने दी अनुमति. भारत-कनाडा के फिर बिगड़ेंगे रिश्ते
Chandigarh : ये पन्नू ना माने… जी हां हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि साल 2020 में रेफरेंडम फेल होने के बाद एक बार फिर इंडिया में Most Wanted आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खालिस्तान जनमत संग्रह का राग छेड़ दिया है. Canada में एक बार फिर खालिस्तान जनमत संग्रह यानि Referendum को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. खालिस्तान समर्थकों का ये कार्यक्रम आने वाली 23 नवंबर को ओटावा के Billings Estate, 2100 कैबोट स्ट्रीट में आयोजित किया जाएगा. वोटिंग सुबह 10 बजे शुरू होगी और दोपहर 3 बजे तक चलेगी. Khalistan की मांग को लेकर जनमत संग्रह का आयोजन सिख फॉर जस्टिस यानि SFJ का चीफ और सिख अलगाववादी नेता Gurpatwant Singh Pannun करवा रहा है. और उम्मीद जताई जा रही है कि हमेशा की तरह एक बार फिर इस Referendum के बहाने पन्नू भारत के खिलाफ जहर उगलेगा. जनमत संग्रह में खुलेआम Khalistan के झंडे फहराए जाऐंगे. लेकिन भारतीय एजेंसियों की इस पर कड़ी नजर है.
जानिए कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

Gurpatwant Singh Pannun मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है… वो पिछले कई सालों से USA में रह रहा है और सिख फॉर जस्टिस नाम से एक संगठन चला रहा है… उसके पास अमेरिका के साथ Canada की भी नागरिकता है. भारत सरकार ने साल 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया था. आतंकी पन्नू लगातार सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में Punjab में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन और उसे बढ़ावा दे रहा था.
पंजाबी सिख युवाओं को बर्गलाया

Pannun पर साल 2020 में पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप भी लगा… इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित कर दिया. Media Reports के मुताबिक वो पंजाब में Referendum 2020 के नाम पर कई देश विरोधी गतिविधियों की साजिश रच रहा था जिसका वक्त रहते पर्दाफाश हो गया. हालांकि FBI की किसी चार्जशीट में इसका जिक्र तक नहीं है.
क्या था रेवरेंडम 2020?

आतंकी पन्नू की अगुवाई में साल 2020 में खालिस्तान जनमत संग्रह यानि Referendum 2020 शुरू किया गया था. इसका मकसद पंजाब में एक आज़ाद सिख राज्य “खालिस्तान” की स्थापना करना था. पन्नू का ये अभियान उसके Sikhs for Justice नाम के संगठन के माध्यम से चलाया जा रहा था. पन्नू को ही इस आंदोलन के मुखर चेहरा माना गया था. Referendum का संचालन मुख्य रूप से ऑनलाइन और विदेशों में सिख समुदाय के बीच किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से वोट लिया जा सके और Khalistan की मांग को बुलंद किया जा सके.
भारत ने किया SFJ और पन्नू को बैन

हालांकि भारत सरकार ने SFJ और Pannun की हरकतों को भआंप लिया और देश में आतंकी संगठन को बैन कर दिया. साथ ही दोनों को आतंकवादी घोषित किया गया. इसलिए यह रिफरेंडम India में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं था और इसका कोई आधिकारिक प्रभाव नहीं पड़ा. इसके बावजूद Pannun के इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने वाला और राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना गया. भारत के खिलाफ Pannun की बयानबाज़ियों ने कई विवाद भी खड़े किए जिसमें उसने भारत की एकता पर सवाल उठाए और हिंदू समुदाय को धमकाने की कोशिशें कीं. लेकिन उसकी ये तमाम हरकतें बेअसर साबित हुईं जिस वजह से आतंकी तिलमिलाया हुआ है और अब एक बार फिर भारत के खिलाफ आपना फन उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसे एक बार फिर पहले की तरह कुचल दिया जाएगा.

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