Kedarnath Helicopter Crash: गौरीकुंड की वादियों में गूंजीं चीखें, मासूम की मौत ने रुलाया, सिस्टम कब सुधरेगा?
Kedarnath Helicopter Crash:रविवार की सुबह, 15 जून 2025, वो तारीख जो गौरीकुंड की वादियों में दर्द की स्याही से लिखी गई। सुबह 5:20 बजे, जब सूरज की पहली किरणें केदारनाथ की चोटियों को छू रही थीं, तभी एक हेलिकॉप्टर की भयानक आवाज ने सन्नाटा तोड़ दिया। आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर, जो श्रद्धालुओं को केदारनाथ मंदिर से गौरीकुंड ला रहा था, अचानक जंगल की पहाड़ियों में धड़ाम से गिरा। इस Kedarnath Helicopter Crash में पायलट समेत 5 जिंदगियां छिन गईं, जिनमें एक मासूम बच्चा भी था। एकमात्र जीवित बचे शख्स की हालत गंभीर है।
हेलिकॉप्टर में सवार थे 6 लोग- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के श्रद्धालु। वे बाबा केदार के दर्शन कर खुशी-खुशी लौट रहे थे। मां अपने बच्चे को सीने से चिपकाए थी, पति-पत्नी एक-दूसरे का हाथ थामे सपने बुन रहे थे। लेकिन पलक झपकते ही सब खत्म। हेलिकॉप्टर ने जैसे ही त्रिजुगी नारायण और गौरीकुंड के बीच उड़ान भरी, खराब मौसम ने कहर बरपाया। धुंध और तेज हवाओं ने पायलट को रास्ता दिखाना बंद कर दिया। हेलिकॉप्टर पहाड़ी से टकराया और 200-250 मीटर गहरी खाई में जा गिरा।
जंगल में घास लेने गईं स्थानीय महिलाओं ने धमाके की आवाज सुनी। भागकर पहुंचीं तो मलबे में लाशें बिखरी थीं। एक मासूम का नन्हा सा शरीर, जो अभी दुनिया को ठीक से देख भी नहीं पाया था, खून से लथपथ पड़ा था। उनकी चीखों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन 5 लोगों को बचाना नामुमकिन था।
Kedarnath Helicopter Crash:मुख्यमंत्री का दुख, लेकिन सवाल वही
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दुख जताया, “रुद्रप्रयाग में Kedarnath Helicopter Crash की खबर दिल दहला देने वाली है। रेस्क्यू टीमें काम पर हैं। सभी के सकुशल होने की कामना।” लेकिन सवाल ये है कि हर बार दुख जताने और जांच के आदेश देने से क्या होगा? क्यों बार-बार Kedarnath Helicopter Crash हो रहे हैं? क्यों सरकार और एविएशन कंपनियां चेत नहीं रही हैं?
हेलिकॉप्टर हादसों का काला इतिहास
Kedarnath Helicopter Crash कोई नई बात नहीं। चारधाम यात्रा रूट पर हेलिकॉप्टर हादसे अब आम हो गए हैं। 2025 में ही ये पांचवां हादसा है। आंकड़े रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं:
2025 के हादसे:
8 मई 2025: गंगनानी (उत्तरकाशी) में हेलिकॉप्टर क्रैश, 6 मरे।
17 मई 2025: केदारनाथ में AIIMS हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, कोई हताहत नहीं।
17 मई 2025: AS350B2 हेलिकॉप्टर केदारनाथ में क्रैश, टेल रोटर फेल, सभी सुरक्षित।
7 जून 2025: रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर क्रैश-लैंड, कोई हताहत नहीं।
15 जून 2025: गौरीकुंड में ताजा हादसा, 5 मरे।
पिछले 5 साल:
2017-2022 में 20 सैन्य हेलिकॉप्टर क्रैश, 40 सैनिक मरे।
2022 में केदारनाथ में 2 हादसे, 14 मरे।
Dhruv ALH हेलिकॉप्टर के 28 क्रैश (2000-2025), 17 सैनिक और 12 अन्य मरे।
केदारनाथ रूट: ASN डेटा के अनुसार, केदारनाथ में 11 हादसे, 6 हेलिकॉप्टर पूरी तरह नष्ट।
मेंटेनेंस की लापरवाही या कुछ और?
Kedarnath Helicopter Crash की वजह सिर्फ खराब मौसम नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि हेलिकॉप्टर मेंटेनेंस में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
टेक्निकल फॉल्ट्स: Dhruv हेलिकॉप्टर क्रैश (जनवरी 2025) में स्वाश प्लेट में क्रैक पाया गया।
पुराने हेलिकॉप्टर: कई हेलिकॉप्टर 20-30 साल पुराने हैं, जिनमें आधुनिक सेफ्टी फीचर्स नहीं।
पायलट ट्रेनिंग: खराब मौसम और पहाड़ी इलाकों में उड़ान के लिए पायलटों को पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं।
DGCA की ढिलाई: हादसों के बाद जांच होती है, लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं।
स्थानीय लोग गुस्से में हैं। गौरीकुंड के निवासी मनohar सिंह कहते हैं, “हर साल हादसे, हर बार जांच। लेकिन सुधार कुछ नहीं। कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, और श्रद्धालु मर रहे हैं।
Kedarnath Helicopter Crash:सरकार क्यों चुप?
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। 2022 में 1.35 लाख लोगों ने केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा ली। लेकिन सेफ्टी पर ध्यान क्यों नहीं?
UCADA की जिम्मेदारी: हेलिकॉप्टर सेवाओं की निगरानी UCADA करती है, लेकिन सेफ्टी ऑडिट में कमी।
निजी कंपनियां: आर्यन एविएशन, केस्ट्रल एविएशन जैसी कंपनियों पर बार-बार सवाल, लेकिन लाइसेंस रद्द नहीं।
केंद्र की चुप्पी: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2022 में जांच का वादा किया, लेकिन 2025 में भी स्थिति जस की तस।
श्रद्धालुओं का दर्द
हर साल बाबा केदार के दर्शन के लिए लोग जान जोखिम में डालते हैं। लेकिन क्या ये उनकी गलती है? एक मां, जो अपने बच्चे को खो चुकी, क्या जवाब देगी जब उससे पूछा जाएगा कि बाबा के दर्शन की कीमत उसकी औलाद की जिंदगी थी? Kedarnath Helicopter Crash सिर्फ एक हादसा नहीं, ये सिस्टम की नाकामी है।
क्या हो समाधान?
सख्त नियम: DGCA को हेलिकॉप्टर मेंटेनेंस और पायलट ट्रेनिंग पर सख्ती बरतनी होगी।
आधुनिक हेलिकॉप्टर: पुराने हेलिकॉप्टरों को बदलकर ऑब्स्टकल-अवॉयडेंस सिस्टम वाले नए मॉडल लाए जाएं।
मौसम निगरानी: हेलिपैड्स पर वेदर कैमरे और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएं।
जवाबदेही: हादसों के लिए जिम्मेदार कंपनियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
Kedarnath Helicopter Crash ने एक बार फिर साबित किया कि श्रद्धालुओं की जान की कीमत कुछ नहीं। मासूम बच्चे की चीखें, मां का करुण क्रंदन, और बिखरे सपने- ये सब सरकार को जगाने के लिए काफी नहीं? कब तक हादसे होते रहेंगे? कब तक जांच के नाम पर लीपापोती चलेगी? बाबा केदार की पवित्र भूमि पर अब और खून नहीं बहना चाहिए।