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Kawad Yatra Death: कांवड़ यात्रा के बीच दर्दनाक मोड़, इंजेक्शन से गई जान!
बिजनौर ज़िले के थाना नगीना देहात क्षेत्र में सोमवार की सुबह कांवड़ यात्रा की चहक अचानक चीखों और नारों में तब्दील हो गई, जब बरेली से आए एक कांवड़िए की मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया।यह हादसा (Kawad Yatra Death) अब उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतों पर बड़ा सवाल बनकर उभरी है।
Fake Doctor ने Kawad Yatra Death की पटकथा लिखी?
जानकारी के मुताबिक मृतक कांवड़िया की तबीयत यात्रा के दौरान अचानक बिगड़ी, जिसके बाद उसे पास के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया। लेकिन परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना किसी जांच के झट से इंजेक्शन ठोंक दिया। नतीजा—कांवड़िए की सांसें वहीं थम गईं।
इस हादसे में (Kawad Yatra Death) अब सिर्फ एक मौत नहीं रही, बल्कि एक पूरे तंत्र की पोल खोलती तस्वीर बन गई है, जहां न डॉक्टर डॉक्टर हैं, न इलाज इलाज।
Kawad Yatra Death से भड़की भीड़, सड़क बनी रणभूमि
जैसे ही कांवड़िए की मौत की खबर फैली, मौके पर मौजूद अन्य श्रद्धालुओं का गुस्सा आसमान छूने लगा। शव को सड़क पर रखकर लोगों ने घंटों जाम लगाया, और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई:
“पुलिस हाय हाय!”
“झोलाछाप को करो गिरफ्तार!”
“हमें न्याय चाहिए!”
कांवड़िये की मौत(Kawad Yatra Death) से उपजे इस जनसैलाब को काबू में करना पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया। प्रशासन की हालत ‘फायर ब्रिगेड बिन पानी’ जैसी दिखी।
Road Block और Kawad Yatra Death: पूरे कस्बे में छावनी जैसा माहौल
हंगामा इतना तीखा हुआ कि नगीना देहात का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए, लेकिन जब तक आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक कांवड़िए शांत होने को तैयार नहीं थे।
कांवड़िये की मौत (Kawad Yatra Death) की खबर अब सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय सियासत तक तैर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी पंगु है कि एक तीर्थयात्री की जान सिर्फ एक इंजेक्शन की वजह से चली जाए?
पुलिसिया कार्रवाई: अब चलेगा न्याय या चलेगी लीपापोती?
प्रशासन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आरोपी डॉक्टर की तलाश की जा रही है। लेकिन अब जनता का सवाल है—ये तलाश ‘दिखावटी’ है या ‘सच में कार्रवाई’?
हादसे (Kawad Yatra Death) पर अगर लीपापोती हुई, तो आगे क्या अन्य कांवड़ियों की जान की कीमत भी यही होगी?
Bareilly Kanwariya की पहचान और परिवार का दर्द
मृतक की पहचान बरेली निवासी युवक के रूप में हुई है, जो शिवभक्तों के जत्थे के साथ बिजनौर आया था। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है, “हम बेटे को भगवान के दर्शन कराने लाए थे, अब उसकी लाश लेकर जा रहे हैं। क्या यही है यूपी की स्वास्थ्य सेवा?”
झोलाछाप के खिलाफ कब बजेगा कानून का डंडा?
कांवड़िये की मौत (Kawad Yatra Death) ने फिर से ये सवाल खड़ा कर दिया है कि गांव-कस्बों में झोलाछाप डॉक्टर क्यों खुलेआम प्रैक्टिस कर रहे हैं? कौन इन्हें संरक्षण दे रहा है? और क्यों प्रशासन तब तक नहीं जागता, जब तक कोई मर न जाए?
Kawad Yatra Death एक हादसा नहीं, एक हत्यारा सिस्टम है!
इस दर्दनाक घटना ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा सिर्फ कागज़ पर है। इस हादसे (Kawad Yatra Death) ने ना सिर्फ एक कांवड़िए की जान ली, बल्कि पूरे सिस्टम की नब्ज को उजागर कर दिया। अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं जागा, तो अगला नंबर किसका होगा—यह कहना मुश्किल नहीं!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: नवनीत राणा
📍 लोकेशन: बिजनौर, यूपी
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