करनाल के युवक की अमेरिका में मौत… सड़क हादसे में गई आशीष की जान. परिवार ने 45 लाख खर्च करके डंकी रूट से भेजा. अमेरिका में ट्रक चलाता था युवक.
Karnal : हरियाणा के करनाल से एक दुखद खबर सामने आई है… करनाल की वजीरचंद कॉलोनी में रहने वाले 24 साल के आशीष मान की अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई है. आशीष ट्रक ड्राइवर था और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के सपने लेकर साल 2023 में डंकी के रास्ते अमेरिका गया था. बेटे को Donkey Route से भेजने के लिए परिवार ने 45 लाख रुपये का कर्ज लिया था. आशीष ने कहा था कि अमेरिका में जाकर सबसे पहले वो परिवार से कर्ज का बोझ उतारेगा. लेकिन साल भर बाद ही इस दुखद खबर से परिवार को तोड़ कर रख दिया है. आशीष का परिवार सदमे में है और घर में मातम पसरा है.
कहां और कैसे हुआ हादसा?

अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार आशीष कैलिफोर्निया के फ्रेंजो में रह रहा था और ये हादसा उसके घर से करीब 2100 मील दूर ‘ग्रीन वैली’ नाम की जगह पर हुआ है. बताया जा रहा है कि आशीष का ट्रक सड़क किनारे एक पेड़ से टकराया लेकिन हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है. आशीष के भाई अंकुर ने बताया कि हादसा स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ. आशीष रोजाना परिवार को फोन करके बात करता था लेकिन हादसे वाले दिन उसका फोन स्विच ऑफ था. देर रात में अमेरिका से आए फोन कॉल ने परिवार को इस दुखद घटना की जानकारी दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही हादसे का असल कारण पता चल सकेगा.
परिवार के हालात और कर्ज का बोझ
आशीष तीन भाइयों में सबसे छोटा था… परिवार ने उसके अमेरिका जाने के सपने को पूरा करने के लिए दोस्त रिश्तेदारों से उधार और लोन लेकर 45 लाख रुपये खर्च किए थे. अंकुर ने बताया कि आशीष मेहनत करके कर्ज चुकाने और परिवार की स्थिति सुधारने के मकसद से अमेरिका गया था. लेकिन अब इस हादसे ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया है. साथ ही अब कर्ज का बोझ और दुखों का पहाड़, दोनों परिवार पर भारी पड़ रहे हैं.
ड्राइविंग में एक्सपर्ट था आशीष

अंकुर ने बताया कि आशीष ट्रक ड्राइविंग में एक्सपर्ट था और भारत में भी ट्रक चलाता था… वह हमेशा फ्रेश और सतर्क रहकर गाड़ी चलाता था. इसलिए नींद के कारण हादसे की संभावना से परिवार इंकार करता है. परिवार ने अमेरिका में अपने परिचितों को आशीष का शव रखे अस्पताल भेजा है लेकिन दूरी के कारण उन्हें वहां पहुंचने में दो दिन लग सकते हैं.
शोक की लहर और सबक
आशीष की मौत ने Karnal के वजीरचंद कॉलोनी के साथ-साथ घर में भी शोक की लहर दौड़ा दी है… परिवार को अभी शव भारत लाने की प्रक्रिया और लागत का सामना करना है जो उनके लिए और चुनौतीपूर्ण रहेगा. यह घटना सबक है उन सभी लोगों के लिए जो कर्ज लेकर अपने बच्चों को डंकी रूट से विदेश भेजते हैं और उनकी जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं.
