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Kanwar Yatra 2025 : प्रसन्नी देवी अंजलि जैसी बहू पाकर प्रसन्न!
Kanwar Yatra 2025 : सावन का पावन महीना चल रहा है – सहारनपुर से लेकर हरिद्वार तक “बोल बम” के जयकारों से वातावरण शिवमय हो उठा है। रंग-बिरंगी कांवड़ों के साथ शिव भक्तों का उत्साह चरम पर है। इस भक्तिमय माहौल में हरियाणा के करनाल की अंजलि ने अपनी सास प्रसन्नी देवी के प्रति अनूठी श्रद्धा और सेवा का परिचय दिया। हर की पैड़ी पर गंगाजल भरने के बाद अंजलि ने अपने पति बलवान के साथ मिलकर अपनी सास को कांवड़ में बिठाया और शिव की भक्ति में लीन होकर यात्रा शुरू की। यह तस्वीर न केवल भक्ति का प्रतीक बनी – बल्कि माता-पिता के प्रति सेवा भाव का एक जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
‘श्रवण कुमार’ सुने होंगे – अब अंजलि को सुनो!
Kanwar Yatra 2025 : सावन में शिव भक्तों की भीड़ हर की पैड़ी पर उमड़ रही है। कांवड़ यात्रा में जहां एक ओर भक्त भोलेनाथ की भक्ति में डूबे हैं – वहीं अंजलि और उनके पति बलवान ने इस यात्रा को और भी खास बना दिया। अंजलि कहती हैं – “माता-पिता का स्थान भगवान से भी ऊपर है। जो उनकी सेवा नहीं कर सकता, वह भगवान को भी प्रसन्न नहीं कर सकता।” 
अंजलि की यह सोच समाज के लिए एक प्रेरणा है। पति बलवान ने भी अपनी पत्नी की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा – “कलयुग में भी कई लोग अपने माता-पिता की तन-मन-धन से सेवा करते हैं। अंजलि की यह भक्ति और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।”
Kanwar Yatra 2025 : अंजलि की ‘सास सेवा’ – समाज को संदेश
अंजलि ने अपनी सास को कांवड़ में बिठाकर न केवल उनकी इच्छा पूरी की – बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि माता-पिता की सेवा ही सच्ची भक्ति है। हर की पैड़ी से शुरू हुई यह यात्रा सहारनपुर पहुंचने तक सभी के लिए चर्चा का विषय बन गई। राहगीरों और भक्तों ने इस दंपति की जमकर तारीफ की। कांवड़ यात्रा में शिव भक्ति का यह अनोखा रंग देखकर हर कोई अभिभूत है। भोलेनाथ के जयकारों के बीच अंजलि और बलवान की यह सेवा-यात्रा सावन के पवित्र माह को और भी यादगार बना रही है।
Kanwar Yatra 2025 : शिव भक्ति का उत्साह चरम पर
Kanwar Yatra 2025 : सावन में कांवड़ यात्रा शिव भक्ति का सबसे जीवंत प्रतीक है। हर साल लाखों भक्त गंगा के पवित्र जल को कांवड़ में भरकर शिव मंदिरों तक ले जाते हैं। “बोल बम” और “हर हर महादेव” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठता है। रंग-बिरंगी कांवड़ – भक्ति भजनों की धुन और भक्तों का जोश इस यात्रा को एक उत्सव का रूप दे देते हैं। अंजलि जैसी बेटी और बहू इस यात्रा को न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों से जोड़कर इसे और भी अर्थपूर्ण बना रहे हैं। यह खबर न केवल शिव भक्ति की गहराई को दर्शाती है – बल्कि पारिवारिक मूल्यों और सेवा भाव को भी उजागर करती है – जो सावन के इस पवित्र माह में हर भक्त के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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