Kantara Chapter 1 ये फिल्म आपको एक नई दुनिया में ले जाएगी
अगर आपने 2022 की Kantara देखी थी और ये सोचा कि इससे आगे कुछ नहीं हो सकता, तो Kantara Chapter 1 आपको गलत साबित करेगी। ये फिल्म न केवल एक शानदार सिनेमैटिक अनुभव है, बल्कि भारतीय लोककथाओं और आस्था की जड़ों में इतनी गहराई से उतरती है कि दर्शक मंत्रमुग्ध रह जाते हैं।
Kantara Chapter 1: कहानी का सार
Kantara Chapter 1 हमें इतिहास की उस गलियों में ले जाती है, जहां लालच, शक्ति और आस्था के बीच महायुद्ध छिड़ता है। फिल्म की शुरुआत होती है एक क्रूर राजा से, जिसे हर चीज पर अधिकार चाहिए—ज़मीन, पानी, इंसान और यहां तक कि देवताओं की धरती भी। जब वो कांतारा की पवित्र भूमि पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तब अनजाने में वो वहां के दैव को चुनौती दे बैठता है।

समय बीतता है और कहानी भंगरा रियासत तक पहुंचती है, जहां सत्ता, राजनीति और जन आस्था की टकराहट फिर से शुरू होती है। इस बीच बर्मे (ऋषभ शेट्टी) गांव के लोगों की उम्मीद बनकर उभरता है, जो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़ा होता है।
Kantara Chapter 1 क्यों है खास ?
इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी सजग कहानी कहने की शैली। निर्देशक और अभिनेता ऋषभ शेट्टी ने एक बार फिर साबित किया है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और आत्मा की आवाज भी हो सकता है।
फिल्म में दक्षिण भारत की उन लोकपरंपराओं और दैव पूजा की झलक है, जो अब तक मुख्यधारा सिनेमा में बहुत कम दिखी हैं। तुलूनाडू संस्कृति और वहां के ‘दैव’ की उत्पत्ति की यह गाथा, स्क्रीन पर इतनी खूबसूरती से उतरती है कि आप पलकें झपकाना भूल जाते हैं।
तकनीकी पक्ष
दृश्यांकन (सिनेमैटोग्राफी) और संगीत फिल्म की आत्मा हैं। अरविंद कश्यप की कैमरा वर्क और अजनीश लोकनाथ का बैकग्राउंड स्कोर दर्शकों को भावनाओं की उस ऊंचाई तक ले जाता है, जहां सिनेमा एक अनुभव बन जाता है। हां, दूसरे हाफ में कुछ ग्राफिक्स थोड़े कमजोर लगते हैं, लेकिन फिल्म की गहराई और भावनात्मक प्रभाव के सामने ये कमी नगण्य है।
अभिनय
ऋषभ शेट्टी ने न केवल निर्देशन, बल्कि अभिनय के स्तर पर भी एक नई ऊंचाई छुई है। बर्मे का किरदार जब क्लाइमेक्स में दैव का रूप लेता है, तो सिनेमा और पूजा में फर्क मिट जाता है। रुक्मिणी वसंत ने कनकवथी के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। गुलशन देवैया ने नकारात्मक किरदार को इतनी ईमानदारी से निभाया है कि दर्शक सचमुच उन्हें नफरत करने लगते हैं—जो किसी एक्टर की सबसे बड़ी जीत होती है।
क्या ये फिल्म देखें?
बिलकुल देखें। Kantara Chapter 1 केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज है जो हमें याद दिलाती है कि भारत की लोककथाओं में कितनी ताकत और गहराई है। यह फिल्म मनोरंजन से कहीं आगे जाकर हमें सोचने पर मजबूर करती है—आस्था, न्याय और विरासत को लेकर।
Kantara Chapter 1 उस दुर्लभ श्रेणी की फिल्मों में आती है, जो दिल, दिमाग और आत्मा—तीनों पर असर डालती हैं। दमदार कहानी, शानदार अभिनय और लोककथा से जुड़ी आत्मा इस फिल्म को एक मास्टरपीस बनाती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
अगर आप भारतीय संस्कृति की जड़ों को सिनेमा के पर्दे पर देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए जरूर है।



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