Kanpur DM vs CMO Fight: कानपुर बना ब्यूरोक्रेसी का कुरुक्षेत्र
Kanpur DM vs CMO Fight: कानपुर बना ब्यूरोक्रेसी का कुरुक्षेत्र!
Kanpur DM vs CMO Fight-कानपुर की गलियों में इन दिनों न तो गंगा की लहरें चर्चा में हैं, न ही चमड़े की फैक्ट्रियां। बल्कि, जिला प्रशासन का एक ऐसा तमाशा मचा है कि लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। DM Jitendra Pratap Singh और CMO Dr. Haridatt Nemi के बीच की जंग अब सिर्फ कागजी चिट्ठियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें सियासी मसाला, वायरल ऑडियो, और भगवा तौलिया तक शामिल हो गया है। मामला सीधे CM Yogi Adityanath के दरबार तक पहुंच चुका है, और दोनों अफसरों की फाइलें CMO ऑफिस में तलब हो गई हैं। चर्चा है कि जल्द ही किसी का ट्रांसफर हो सकता है, या शायद दोनों की कुर्सियां हिल जाएं!
Kanpur DM vs CMO Fight:कैसे शुरू हुआ ये ‘महाभारत’?
ये कहानी शुरू होती है 5 फरवरी, 2025 से, जब कानपुर के DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने CMO ऑफिस पर छापा मारा। नज़ारा ऐसा था मानो कोई बॉलीवुड फिल्म का सीन हो—34 अधिकारी-कर्मचारी गायब, रजिस्टर में नाम दर्ज, लेकिन ऑफिस में सन्नाटा! DM साहब ने कैमरे के सामने स्वास्थ्य विभाग की बखिया उधेड़ दी और 34 लोगों का एक दिन का वेतन रोक दिया। बस, यहीं से DM और CMO के बीच की खटास शुरू हो गई। DM ने CHC-PHC के औचक निरीक्षण किए, जहां फर्जी मरीजों की एंट्री और लापरवाह कर्मचारियों का बोलबाला मिला। लेकिन CMO साहब ने इन कमियों पर कोई एक्शन नहीं लिया, जिससे DM का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया।
15 अप्रैल, 2025 को DM ने शासन को चिट्ठी ठोक दी कि CMO को हटाओ, ये काम के नहीं! 5 जून के बाद भी एक और लेटर गया, लेकिन CMO साहब भी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने सियासी गलियारों में अपनी चालें चलनी शुरू कर दीं।
वायरल ऑडियो ने डाला आग में घी
मामला तब और गरमाया जब 13 जून, 2025 को CMO के ड्राइवर सूरज का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें DM को भ्रष्टाचारी बताया गया। इसके बाद तो जैसे ऑडियो की बाढ़ आ गई। CMO का एक कथित ऑडियो सामने आया, जिसमें वो DM को “ढोल बजाने वाला” कहते हुए सुनाई दिए। बोले, “75 जिलों में ऐसा DM नहीं देखा! किसी दिन कोई महिला अधिकारी बदतमीजी कर देगी!” इस ऑडियो ने DM को इतना भड़काया कि 14 जून को CM Dashboard की मीटिंग में उन्होंने CMO को सभागार से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
CMO का दावा है कि DM ने तंज कसते हुए कहा, “CMO साहब, आप तो AI हो गए थे, लेकिन जिंदा निकले!” DM ने पूछा, “ये ऑडियो क्या है?” CMO ने सफाई दी कि ये AI से बना फेक ऑडियो है। DM बोले, “तो जाओ, FIR कराओ!” और CMO को मीटिंग से बाहर कर दिया।
BJP में दो फाड़, सपा ने लिया मज़ा
इस DM vs CMO जंग में अब सियासत का तड़का लग चुका है। BJP के दिग्गज दो खेमों में बंट गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, MLC अरुण पाठक, और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने Deputy CM Brajesh Pathak को लेटर लिखकर CMO को बचाने की गुहार लगाई। उनका कहना है कि CMO साहब मृदुभाषी हैं, जनता के लिए काम करते हैं, और उनका ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। लेकिन दूसरी तरफ, BJP विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने CM Yogi को चिट्ठी लिखकर CMO को भ्रष्टाचारी बताया और DM का समर्थन किया।
SP ने इस मौके को लपक लिया। अखिलेश यादव ने तंज कसा, “पहले इंजन लड़ते थे, अब डिब्बे भी लड़ने लगे!” SP विधायक अमिताभ बाजपेई ने तो इसे CM vs Deputy CM की जंग करार दे दिया। बोले, “ये तो ऊपर वालों की लड़ाई है, हम तो दर्शक हैं!”
CMO का ‘षडयंत्र’ कार्ड और भगवा तौलिया
CMO साहब भी चुप नहीं बैठे। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने JM Pharma नाम की एक CBI चार्जशीटेड फर्म का 30 लाख का पेमेंट रोका था, जिसके बाद उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। बोले, “मैंने 125 पेज की रिपोर्ट बनाई, सीनियर फाइनेंस अधिकारी वंदना सिंह ने भी DM को लेटर लिखा, फिर भी मुझे निशाना बनाया जा रहा है!”
लेकिन असली मज़ा तब आया जब 18 जून, 2025 को CMO ने अपनी कुर्सी पर भगवा तौलिया रख दिया। सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल हुई, और लोग बोले, “अरे, ये तो CM योगी स्टाइल है!” कुछ ने इसे CMO की सियासी चाल बताया, तो कुछ ने कहा, “DM को टक्कर देने के लिए भगवा ताकत दिखा रहे हैं!”
Kanpur DM vs CMO Fight:क्यों मचा है ये बवाल?
तो सवाल ये है कि कानपुर की ब्यूरोक्रेसी में ये हंगामा क्यों मचा? दरअसल, DM जितेंद्र प्रताप सिंह की सख्ती और CMO की ढीली कार्यशैली के बीच का टकराव अब सियासी अखाड़ा बन गया है। DM का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर है, जबकि CMO का दावा है कि वो सिस्टम सुधार रहे हैं, लेकिन साजिश का शिकार हो रहे हैं।
BJP नेताओं का दो फाड़ होना इस बात का सबूत है कि मामला सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सत्ता के गलियारों में CM Yogi और Deputy CM Brajesh Pathak के बीच की तनातनी से भी जुड़ा हो सकता है। SP इसका फायदा उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
Kanpur DM vs CMO Fight:अब क्या होगा?
सूत्र बता रहे हैं कि CM Yogi जल्द ही इस मामले में फैसला लेंगे। दोनों अफसरों की फाइलें तलब हो चुकी हैं, और ट्रांसफर का डमरू बजने वाला है। लेकिन सवाल ये है कि क्या CMO की सियासी पैरवी काम आएगी, या DM की सख्ती जीतेगी? या फिर योगी जी दोनों को लखनऊ तलब कर ‘क्लास’ लेंगे?
फिलहाल, कानपुर की जनता पॉपकॉर्न लेकर इस DM vs CMO ड्रामे का मज़ा ले रही है। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ है, और लोग कयास लगा रहे हैं कि अगला ऑडियो कौन सा वायरल होगा!
