 
                  जम्मू-कश्मीर के डोडा में बादल फटने से 4 की मौत… 10-15 घर बहे. तेजी से राहत-बचाव कार्य जारी. रोकी गई वैष्णो देवी यात्रा. हाई अलर्ट पर पूरा प्रशासन
Jammu Kashmir के डोडा जिले के थाथरी उपमंडल में 26 अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही मच गई… अचानक आई बाढ़ में 10 से ज्यादा घर बह गए और पिछले 24 घंटों में 4 लोगों की मौत हो चुकी है. एक अधिकारी ने बताया कि दो मौतें घर गिरने से और दो लगातार बारिश से उत्पन्न बाढ़ में हुईं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं जबकि खराब मौसम के कारण Vaishno Devi Yatra को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. जम्मू संभाग में तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है जिससे कई सड़कें, रेल सेवाएं और नेशनल हाईवे बंद हो चुके हैं.
किश्तवाड़ के बाद डोडा में तबाही

डोडा जिले में बादल फटने से फ्लैश फ्लड आ गया जिसमें थाथरी उपमंडल के कई गांव प्रभावित हुए… 10 से 15 घर पूरी तरह बह गए और कई अन्य क्षतिग्रस्त हो गए. भारी बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं जिससे बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिमी बारिश दर्ज की गई जबकि कठुआ में 155.6 मिमी बारिश हुई. अधिकारियों ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में और बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है. जम्मू शहर में 190.4 मिमी बारिश हुई, जो अगस्त में एक सदी में दूसरी सबसे ज्यादा बारिश है. बचाव दल NDRF, SDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन की मदद से प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं.
वैष्णो देवी यात्रा पर असर

भारी बारिश और खराब मौसम के कारण श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को तत्काल स्थगित कर दिया है. कटड़ा में पंजीकरण केंद्र बंद कर दिए गए हैं और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे यात्रा न करें. बैटरी कार और हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बंद हैं. जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे, बटोटे-किश्तवाड़ सहित कई सड़कें बंद हैं जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. दो दिनों के लिए स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खतरे की चेतावनी दी है.
किश्तवाड़ में मची थी तबाही

इससे पहले 14 अगस्त 2025 को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में बादल फटने से भयानक बाढ़ आई थी… इस घटना में करीब लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. मचैल माता यात्रा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु प्रभावित हुए, जिसमें बसें, टेंट, लंगर और दुकानें बह गई थीं.
हाई अलर्ट पर प्रशासन

जानकारों का कहना है कि पिछले सौ सालों में कभी जम्मू-श्कमीर में इतनी भयानक बारिश नहीं देखी गई. हालात को देखते हुए सरकार ने सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है… CM Omar Abdullah ने बाढ़ की तैयारी की समीक्षा की और केंद्र सरकार से सहायता का आग्राह किया है. प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी, बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने पर जोर दिया जा रहा है. जनता से अपील है कि नदियों, नालों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहें.

 
         
         
        