 
                  यूपी के दादरी स्थित ISKCON Temple में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अनोखी पहल… युवा पीढ़ी को वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ने की सराहनीय पहल.
Dadri : 16 अगस्त को दादरी स्थित ISKCON Temple में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक अनोखी पहल के तहत इंटर-स्कूल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें दादरी क्षेत्र के 11 स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. इस आयोजन ने शिक्षा, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत किया जिसने दादरी में भक्ति और ज्ञान का माहौल बनाया.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं

- इंटर-स्कूल प्रतियोगिता – दोपहर 2:30 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में स्केच/पेंटिंग, निबंध लेखन, क्विज़ और पज़ल्स जैसी गतिविधियों में छात्रों ने अपनी प्रतिभा दिखाई. इन प्रतियोगिताओं ने छात्रों की रचनात्मकता और वैदिक ज्ञान को बढ़ावा दिया.
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियां – शाम 5 बजे से भजन संकीर्तन, भक्तिमय नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. छात्रों ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित नाटकों और नृत्यों से दर्शकों का मन मोह लिया.
- पुरस्कार वितरण – शाम 7 बजे पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया… छात्रों को मेडल, सर्टिफिकेट और भगवद् गीता की प्रतियां प्रदान की गईं.
- दिव्य अनुष्ठान – रात को श्रीकृष्ण का अभिषेक फल रस, दूध, दही, शहद और गंगा जल से किया गया. भगवान को 256 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पण हुआ, जिसमें माखन-मिश्री, लड्डू, और अन्य प्रसाद शामिल थे. महा आरती के बाद सभी भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया.
- भक्तों की भीड़ – सुबह से देर रात तक हजारों भक्तों ने दर्शन किए और मंदिर परिसर भक्ति भाव से गूंजता रहा.
मुख्य अतिथि और उनका संदेश

दादरी विधायक और भारतीय जनता पार्टी नेता तेजपाल सिंह नागर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे… उन्होंने कहा, “ISKCON दादरी की यह पहल सराहनीय है. ऐसी प्रतियोगिताएं न केवल छात्रों की प्रतिभा को निखारती हैं बल्कि भारतीय संस्कृति और वैदिक मूल्यों को भी बढ़ावा देती हैं. यह समाज में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता का संचार करता है”. उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे भगवद् गीता और श्रीकृष्ण के उपदेशों से प्रेरणा लें.
ISKCON दादरी के निदेशक का बयान

ISKCON दादरी के निदेशक पुंडरीक विद्यनिधि प्रभु ने कहा, “हमारा उद्देश्य युवा पीढ़ी को वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ना है… यह इंटर-स्कूल प्रतियोगिता न केवल छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच देती है, बल्कि उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करती है. हम भविष्य में भी ऐसे आयोजन जारी रखेंगे”.

 
         
         
        