 
                  Ali Khamenei के उत्तराधिकारियों के नाम पर चर्चा , मौत का साया गहराया !
Supreme Leader Of Iran Ali Khamenei कहां हैं ? ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई किन हालात में हैं ? क्या Ali Khamenei शहीद हो गए हैं ? ये सवाल गहराने लगे थे, Middle East के तनावपूर्ण हालात में हर कोई जब इन सवालों के जवाब तलाश रहा था, तभी एक बड़ी ख़बर सामने आई, जिसने अली खामेनई से जुड़े ऐसे तमाम सवालों को दरकिनार कर दिया, और इस ख़बर ने अली खामेनेई के पूर्ण स्वस्थ्य होने की ओर इशारा किया है, दरअसल ख़बर है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने संभावित उत्तराधिकारी के रूप में तीन वरिष्ठ मौलवियों के नाम प्रस्तावित किए हैं। हालांकि, इन तीनों की पहचान अभी तक गुप्त रखी गई है। ये भी स्पष्ट हो चुका है कि इस सूची में खामेनेई के बेटे का नाम शामिल नहीं है।
इजरायल-ईरान तनाव के बीच फैसला
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनावपूर्ण संघर्ष के दौरान इजरायली रक्षा बल (IDF) लगातार ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रमुख हस्तियों को निशाना बना रहे हैं। इस संकटकाल में खामेनेई ने अपने उत्तराधिकार की योजना को गंभीरता से लिया है। यरुशलम पोस्ट के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 86 वर्षीय खामेनेई ने विशेषज्ञों की सभा को तीन मौलवियों में से किसी एक को उत्तराधिकारी चुनने का निर्देश दिया है। ये कदम उनके जीवन को खतरे की आशंका को दर्शाता है।

सुरक्षित स्थान पर Ali Khamenei
रिपोर्ट्स के अनुसार, खामेनेई अब एक सुरक्षित भूमिगत स्थान से काम कर रहे हैं और अपने विश्वसनीय सहयोगी के माध्यम से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने न केवल अपने उत्तराधिकारियों के नाम सुझाए हैं, बल्कि वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अनुपस्थिति में प्रमुख सैन्य पदों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की भी घोषणा की है।

बेटे मोजतबा के नाम पर मंथन नहीं
खामेनेई के बेटे मोजतबा, जो एक मौलवी हैं और IRGC के करीबी माने जाते हैं, मोजतबा को उत्तराधिकारी के रूप में नामित नहीं किया गया है। पहले उनके नाम को लेकर अटकलें थीं, लेकिन अब ये स्पष्ट हो गया है कि वे इस दौड़ में शामिल नहीं हैं।
उत्तराधिकार की प्रक्रिया तेज
खामेनेई का ये निर्णय विशेषज्ञों की सभा के माध्यम से तेजी से और व्यवस्थित उत्तराधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ये कदम ईरान के नेतृत्व में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश को भी दर्शाता है, खासकर उस समय जब देश बाहरी खतरों का सामना कर रहा है।

 
         
         
        