International Yoga Day 2025 : Inspiring story of Delhi Yoga girls Archana, Kanika and Shikha
International Yoga Day 2025: योग की प्रेरणा देने वाली कहानी…कनिका, शिखा और अर्चना की जुबानी!
International Yoga Day 2025: 21 जून 2025 को भारत समेत दुनिया भर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। देश की राजधानी दिल्ली में विभिन्न योग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। योग के महत्व को समझाने और इसे जन-जन तक पहुंचाने में दिल्ली-NCR की टीम ASK (अर्चना, शिखा, कनिका) ने अहम भूमिका निभाई। यह योग तिकड़ी ना केवल योग सिखाती है, बल्कि इसके जरिए लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी कर रही है। आइए जानते हैं Team ASK की योग गर्ल्स अर्चना, शिखा और कनिका की प्रेरणादायक कहानी और योग दिवस 2025 में उनके योगदान के बारे में।

दिल्ली-NCR में योग तिकड़ी की अनूठी पहल
International Yoga Day 2025: टीम ASK यानी अर्चना, शिखा और कनिका ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन में योग सत्र आयोजित किए। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों को योगिक सूक्ष्म क्रियाएं, आसन, प्राणायाम और ताली के साथ ज़ुम्बा सिखाया। इन गतिविधियों ने न केवल लोगों का उत्साह बढ़ाया, बल्कि उन्हें योग के फायदों से भी रूबरू कराया। योग के इस सत्र में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने हिस्सा लिया। सभी ने इस बात को समझा और जाना कि योग हर उम्र और हर वर्ग के लिए बेहद फायदेमंद है।
आईपी एक्सटेंशन में योग सत्र के बाद योग गर्ल्स की तिकड़ी (कनिका, अर्चना, शिखा) दिल्ली के प्रतिष्ठित जीटीबी अस्पताल पहुंची, जहां उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किए। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को योग के छोटे-छोटे…लेकिन असरदार तरीकों से अवगत कराया गया। इन सत्र में मरीजों ने योग के जरिए शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद को बेहतर महसूस किया।

योग से लोगों की जिंदगी बदल रही टीम ASK
International Yoga Day 2025: टीम ASK की तीनों सदस्य—अर्चना, शिखा, और कनिका—योग के प्रति समर्पित हैं। उनका मानना है कि योग को रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाकर ना केवल बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से पहले से कहीं अधिक मजबूत बन सकता है। टीम की सदस्यों में से एक कनिका कहती हैं- “योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। इसे अपनाकर आप तनाव, थकान और गंभीर बीमारियों से दूर रह सकते हैं।”
टीम ASK की खासियत यह है कि कनिका, शिखा और अर्चना…ऑनलाइन और ऑफलाइन – दोनों तरह से योग कक्षाएं आयोजित करती हैं। अपने सत्रों में तीनों योग के साथ-साथ आधुनिक फिटनेस तकनीकों जैसे ज़ुम्बा को भी शामिल करती हैं…जो सभी उम्र के लोगों को ना सिर्फ लुभाता है…बल्कि फिट और एनर्जेटिक भी बनाए रखता है।

शिखा ने योग से हाइपो थायराइड पर जीत हासिल की
International Yoga Day 2025: अब जानिए टीम ASK की कहानी प्रेरणादायक क्यों है? इस टीम की तीनों सदस्य शिखा, कनिका और अर्चना आपस में गहरी दोस्त हैं। शिखा अग्रवाल सर्टिफाइड योगा ट्रेनर हैं। शिखा ने योग से नाता तब जोड़ा…जब 2010 में उन्हें पीरियड्स की गंभीर दिक्कतें शुरू हुईं। जांच में पता चला कि शिखा को हाइपो थायराइड हो चुका है। डॉक्टर्स की सलाह पर शिखा ने दवाएं लेनी शुरू कीं… लेकिन दवाओं से खास सुधार नहीं हुआ। दवाइयां लेने के बावजूद शिखा को वीकनेस रहने लगी। हर वक्त गुस्सा और चिड़चिड़ाहट होती थी..स्वभाव में नकारात्मक बदलाव आना शुरू हो चुका था। तब शिखा ने योग से जुड़ने का फैसला किया। इसके बाद शिखा जैसे-जैसे योग को अपनाती गईं उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आता चला गया। नियमित प्राणायाम और योग के आसनों से ना सिर्फ शिखा का थायरॉइड कंट्रोल हो गया…पीरियड्स संबंधित गंभीर दिक्कतें भी दूर हो गईं। अब शिखा थायराइड की कोई दवा नहीं लेतीं। नियमित योग से खुद को वो पूरी तरह स्वस्थ और फिट फील करती हैं। 9 साल तक एक साधक के तौर पर शिखा ने योग सीखा। साल 2019 में उन्होंने योग में डिप्लोमा किया और अपनी सोसायटी के पार्क में लोगों को योग से जोड़ना शुरू किया। शिखा ने जिला स्तर पर योग में कई मेडल भी जीते हैं।

कनिका ने योग से कमर दर्द-साइनस को हराया
International Yoga Day 2025: शिखा की गहरी दोस्त कनिका मल्होत्रा ने भी एक समय स्वास्थ्य के मोर्चे पर बहुत मुश्किल दौर देखा। कनिका पेशे से पत्रकार और न्यूज एंकर रही हैं। 12 साल तक कई बड़े मीडिया संस्थानों में काम किया। मां बनने के लिए नौकरी से ब्रेक लिया…उसी दौरान सिजेरियन डिलेवरी के कुछ वक्त बाद कनिका को गंभीर कमर दर्द से जूझना पड़ा। फिजियोथैरेपी से भी बहुत आराम नहीं मिला…इसके बाद कनिका ने योग को जिंदगी का हिस्सा बनाने का फैसला किया…और एक महीने में योग से कमर दर्द से हमेशा के लिए मुक्ति पा ली। कनिका बताती हैं कि उन्हें साइनस की गंभीर समस्या से भी जूझना पड़ा…जिसके लिए कई बार सर्जरी करवानी पड़ी…लेकिन योग सीखकर उन्होंने इस समस्या से भी छुटकारा पा लिया। कनिका भी सर्टिफाइड योगा ट्रेनर हैं। योग से उन्होंने अपनी जिंदगी को बदला। वो अब दूसरों को भी योग से जुड़ने और उसे अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाने का सुझाव देती हैं और लोगों को प्रेरित करती रहती हैं।

अर्चना ने योग को अपनाकर जीती कैंसर से जंग
International Yoga Day 2025: तीसरी दोस्त अर्चना मलिक की कहानी भी प्रेरणा देने वाली है। 2019 में अर्चना को ओवेरियन कैंसर डिटेक्ट हुआ। तीसरे स्टेज के ओवेरियन कैंसर ने अर्चना और उनके परिवार को सदमा दिया। लेकिन अर्चना ने कैंसर से हार मानने के बजाय कैंसर को हराने की ठान ली। अर्चना ने उस मुश्किल वक्त में योग का सहारा लिया। आसन और प्राणायाम के जरिए खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया। इस अनुभव ने अर्चना को योग को एक थैरेपी के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। यही नहीं, अर्चना ने नेचुरोपैथी में डिप्लोमा और चेतना विज्ञान में मास्टर्स डिग्री हासिल की…अब अर्चना खुद कैंसर रोगियों को योग के जरिए ठीक करने में लगी हैं।

योग के फायदे और महत्व
International Yoga Day 2025: टीम ASK (अर्चना, शिखा, कनिका) ने अपने सत्रों में बताया कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और तनाव प्रबंधन में भी मदद करता है।

योग के प्रमुख फायदे
- शारीरिक स्वास्थ्य: योग से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, लचीलापन बढ़ता है और रक्त संचार बेहतर होता है।
- मानसिक स्वास्थ्य: प्राणायाम और ध्यान तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक हैं।
- बीमारियों से बचाव: नियमित योग से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
- ऊर्जा और उत्साह: ज़ुम्बा और योगिक क्रियाएं शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं।
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