Injustice against Tribals : सोनभद्र में आदिवासियों की जमीन पर साजिश
सोनभद्र में आदिवासियों के हक की जमीन अवैध तरीके से कब्जाने का खुलासा हुआ है। ओबरा तहसील की ग्राम पंचायत जुगैल में आदिवासियों की सैकड़ों बीघा जमीन गैरकानूनी तरीके से दूसरों के नाम कर दी गई। कांग्रेस का आरोप है कि BJP सरकार के राज में यह खुला अन्याय हो रहा है। जिला प्रशासन के माध्यम से कांग्रेस ने राज्यपाल को मांगपत्र सौंपकर उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम के उल्लंघन को रद्द करने की मांग की।
Injustice against Tribals : यूपी में जमीन…मालिक अब MP के ऊंचे लोग!
यूपी कांग्रेस कमेटी के महामंत्री देवेंद्र प्रताप सिंह ने खुलासा किया कि जुगैल की कृषि योग्य भूमि का पट्टा गैरकानूनी रूप से मध्य प्रदेश के लोगों और सामान्य जाति के बड़े कास्तकारों को दे दिया गया। यह सब तत्कालीन भूमि प्रबंध समिति ने नियमों को ताक पर रखकर किया, जो आदिवासियों के हक पर डाका है।
Injustice against Tribals : कांग्रेस की चौपाल में खुलासा, फिर हड़कंप
24 जुलाई 2025 को जुगैल में कांग्रेस की चौपाल में ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने इस घोटाले की पोल खोली। करीब 250 बीघा जमीन का पट्टा गलत लोगों को आवंटित किया गया – जबकि यह भूमिहीन आदिवासियों और दलितों को मिलना चाहिए था। कांग्रेस ने इसे BJP की जनविरोधी नीतियों का सबूत बताया।
Injustice against Tribals : BJP के खिलाफ मुहिम चलाएगी कांग्रेस
जिलाध्यक्ष रामराज गौड़ और राजेश द्विवेदी ने BJP सरकार पर आदिवासियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी। फरीद खान, बेबी सिंह और शत्रुंजय मिश्रा ने BJP को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि पीड़ितों को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
Injustice against Tribals : इन सवालों के जवाब चाहिए सरकार
सोनभद्र के जिला कलेक्ट्रेट में कांग्रेस नेताओं और आदिवासियों ने मिलकर धरना दिया। 21 जुलाई 2025 को भूमि प्रबंध समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया था – जिसके बाद जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया। बृजेश तिवारी के संचालन में हुए इस प्रदर्शन ने BJP सरकार के खिलाफ आदिवासियों की आवाज को बुलंद किया। कांग्रेस नेता यूपी सरकार से पूछ रहे हैं- मुद्दा गरीब आदिवासियों के हक का है- जिन कल्याण और हितों के लिए राजनीतिक दल और सत्ता में बैठी सरकारें बड़े बड़े दावे करती हैं – इसलिए सवाल तो बनते हैं कि
उत्तर प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि ग्राम पंचायत जुगैल में आदिवासियों की जमीन गैरकानूनी रूप से गैर-आदिवासियों और बाहरी लोगों को आवंटित करने की अनुमति कैसे दी गई?
क्या सरकार इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दिलाएगी?
उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम के उल्लंघन को रोकने के लिए सरकार ने अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या नीतियां बनाई जाएंगी?
🎤संवाददाता: प्रदीप चौबे
📍लोकेशन: सोनभद्र, यूपी