 
                                                      
                                                जम्मू-कश्मीर के जल पर CM उमर अब्दुल्ला का सख्त रुख, कहा- 'मैं पंजाब पानी क्यों भेजूं?
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: सिंधु-झेलम और चिनाब के पानी पर तकरार. जम्मू-कश्मीर सीएम का पंजाब को इनकार. केंद्र तक पहुंचा विवाद
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर विवाद फिर से गहरा गया है। जम्मू-कश्मीर के मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पंजाब, हरियाणा या राजस्थान के साथ साझा करने से साफ इनकार कर दिया है। जिसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। AAP ने इसे राष्ट्रीय संसाधन का राजनीतिकरण करार देते हुए केंद्र सरकार से न्यायोचित जल वितरण की मांग की है।
उमर अब्दुल्ला का बयान: पहले जम्मू-कश्मीर, फिर बाकी राज्य
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: शुक्रवार (20 जून) को मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों की जरूरतों के लिए इस्तेमाल होगा। उन्होंने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक पानी ले जाने वाली प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर का विरोध किया। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जब उज्ह और शाहपुर कांडी प्रोजेक्ट्स में हमें पंजाब की मदद चाहिए थी, तब हमें इंतजार करना पड़ा। अब हम क्यों उन्हें पानी दें?” उन्होंने तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की घोषणा भी की, जिसके तहत अखनूर से जम्मू शहर तक चिनाब नदी का पानी डायवर्ट किया जाएगा।
AAP का पलटवार: पंजाब का हक नहीं छिन सकता
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने उमर अब्दुल्ला के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सिंधु नदी का पानी राष्ट्रीय संपत्ति है और पंजाब को इसका बराबर हक है। उन्होंने कहा, “पंजाब देश का अन्न भंडार है, लेकिन भूजल संकट के कारण राज्य का बड़ा हिस्सा डार्क जोन में है। यह पंजाब के किसानों के अस्तित्व का सवाल है।”
गर्ग ने यह भी याद दिलाया कि सिंधु जल संधि (1960) के निलंबन के बाद केंद्र सरकार ने इसका पानी भारत के राज्यों के लिए उपयोग करने की बात कही थी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही केंद्र से सिंधु का हिस्सा मांग चुके हैं, जो पहले पाकिस्तान को जाता था।

सिंधु जल संधि और बढ़ता विवाद
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: सिंधु जल संधि के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पूर्ण अधिकार है। जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब पर सीमित उपयोग की अनुमति थी। संधि के निलंबन के बाद इन नदियों के जल बंटवारे पर बहस तेज हो गई है। यह विवाद अब राजनीतिक और संवैधानिक टकराव का रूप ले सकता है, जिसमें केंद्र सरकार को स्पष्ट नीति बनानी होगी।
क्या केंद्र के पास है इसका हल?
Indus-Jhelum-Chenab Water Dispute: सिंधु-झेलम-चिनाब जल विवाद ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच तनाव बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार की भूमिका अब महत्वपूर्ण हो गई है, जो इस जल संकट का समाधान निकाल सकती है। क्या यह मामला हल होगा या और गहराएगा? ये तो वक्त के साथ पता चलेगा।
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