IndiGo की उड़ान सेवा जल्द सामान्य करने पर ज़ोर !
इंडिगो (IndiGo) एयरलाइंस इन दिनों गहरे संचालन संकट से गुजर रही है, और इसका असर पूरे देश की हवाई सेवाओं पर साफ दिखाई दे रहा है। बीते चार से पाँच दिनों में सैकड़ों उड़ानें रद्द या घंटों देर से चलीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भारत के घरेलू हवाई यातायात में लगभग 60% हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो इस संकट का सबसे बड़ा केंद्र बन गई है।
PMO, IndiGo के पूरे घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए !
सरकारी सूत्रों के मुताबिक ख़बर है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति की संपूर्ण जानकारी दी जा चुकी है और PMO सीधे इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स से संपर्क में है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि उड़ान सेवाओं को जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लाया जाए।

कंपनी ने सरकार से करीब 10 दिनों की मोहलत मांगी है, ताकि एविएशन नेटवर्क को स्थिर कर उड़ानों की रफ्तार को दोबारा पटरी पर लाया जा सके। वहीं, सरकार ने संकेत दिया है कि जहां भी संचालन में लापरवाही, नियामकीय उल्लंघन या यात्रियों को नुकसान की बात सामने आएगी, एयरलाइन पर सख्त कार्रवाई और पेनल्टी संभव है।
IndiGo की बड़ी मांग
इंडिगो प्रबंधन ने FDTL (Flight Duty Time Limit) नियमों में अस्थायी राहत की मांग की है, यह कहते हुए कि मौजूदा नियम बहुत कठोर हैं और पायलटों की शिफ्ट प्लानिंग प्रभावित हो रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता यात्रियों की परेशानी खत्म करना और उड़ान व्यवस्था को स्थिर बनाना है।
मंत्रालय स्तर पर स्लॉट मैनेजमेंट, विमानों की तैनाती और नेटवर्क की समीक्षा लगातार जारी है ताकि देशभर के एयरपोर्ट्स पर उड़ानों की स्थिति जल्दी सामान्य हो सके।
इसके साथ ही, इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों और सिविल एविएशन मंत्रालय के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक ने यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार इस संकट को बहुत गंभीरता से देख रही है और हर स्तर पर निगरानी जारी है।
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