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INDIA-PAKISTAN TENSION: भारत की समुद्री ताकत देख तुर्की के आगे गिड़गिड़ाया पाक!एर्दोगन ने करांची भेजा TCG Buyukada युद्धपोत…

India-Pakistan Tension के बीच तुर्की के युद्धपोत TCG Buyukada के करांची आने का मकसद क्या?

इस्लामाबाद: India-Pakistan टेंशन के बीच तुर्की का युद्धपोत टीसीजी बुयुकडा (TCG Buyukada) करांची पहुंचा है।जिसे लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। मसलन, आखिर ऐसे वक्त जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।किसी भी पल युद्ध की आशंका जताई जा रही है, तो ऐसे में तुर्की के युद्धपोत का करांची पहुंचना आग में घी का काम नहीं करेगा। क्या पाकिस्तानी गीदड़ों का ये कदम भारतीय शेरों को भड़काने का काम नहीं करेगा।

तुर्की के युद्धपोत पर क्या बोला पाकिस्तान?

हालांकि तुर्की के युद्धपोत TCG Buyukada के करांची पहुंचने को पाकिस्तानी नेवी ने तुर्की के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम बताया है। पाकिस्तानी नेवी ने कहा है कि, इससे हम दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। हालांकि कुछ रिपोर्ट में ऐसा दावा का किया गया था कि, भारत के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए तुर्की पाकिस्तान को सैन्य सामानों की आपूर्ति करने के लिए अपने जहाज भेज रहा है।लेकिन तुर्की इन खबरों को पूरी तरह गलत बताते हुए इनका खंडन किया है।

अभी कितने दिन करांची में रहेगा TCG Buyukada?

पाकिस्तानी नौसेना के मुताबिक तुर्की का युद्पोत अभी कुछ दिन और करांची पोर्ट पर रुकेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि, टीसीजी बुयुकाडा (TCG Buyukada) 7 मई तक करांची पोर्ट पर रहेगा। जहां तुर्की नौसेना और पाकिस्तानी नेवी के अधिकार साथ मिलकर आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाएंगे।

तुर्की-पाकिस्तान में है खास याराना

बता दें कि, पिछले कुछ सालों में तुर्की और पाकिस्तान काफी करीब आए हैं। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि, भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान के समर्थन का ऐलान किया है। यही नहीं तुर्की पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को मजबूत करने में भी मदद कर रहा है।चाहे बात पनडुब्बी की हो, या ड्रोन की,तुर्की पाकिस्तान को हर सैन्य साजो सामान की आपूर्ति कर रहा है। तुर्की और पाकिस्तान कई बार मिलकर सैनिक अभ्यास भी कर चुके हैं। अभी कुछ वक्त पहले ही अतातुर्क-XIII नाम से दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था।

भारत-तुर्की के संबंध नहीं हैं मधुर

जहां तक तुर्की के भारत से संबंध की बात है, तो वो बहुत मधुर नहीं हैं। कश्मीर को लेकर तुर्की पाकिस्तान की जुबान बोलता है। जिसका भारत तगड़ा विरोध कर चुका है। भारत तुर्की को बता चुका है कि,उसकी ऐसी हरकत उसे भारी पड़ सकती है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग जरूर है। लेकिन ये ऐसे क्षेत्र नहीं हैं, जिनसे दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आए। और अब जो तुर्की ने किया है,उससे तो उसकी कीमत भारत की नजर में और गिर गई है। और आने वाले वक्त में मोदी सरकार इसका भी हिसाब जरूर करेगी। बस वक्त और तारीख का इंतजार कीजिये। तुर्की को भी पाकिस्तान का साथ देने की बराबर सजा मिलेगी।