
India-Pakistan Reliction
India–Pakistan relations: भारत की नो मर्सी की नीति से क्यों पतली हुई पाकिस्तान की हालत। पूरा विश्वलेषण
India–Pakistan relations: पिछले कई सालों से भारत और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं । पहलगाम हमले ने इस रिश्ते में और कड़वाहट घोलने का काम किया है। पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति ने भारत को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। जिसके बाद अब पाकिस्तान छटपटा रहा है। लगातार भारत से बातचीत की गुहार लगा रहा है। लेकिन भारत ने भी पाकिस्तान को लेकर नो मर्सी की नीति अपना ली है। इस लेख में हम भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पाकिस्तान की पेशकश के प्रभाव और व्यापारिक नुकसान का विश्लेषण करेंगे।

भारत-पाकिस्तान संबंध और बातचीत की पेशकश
पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान की हवा टाइट है। पाकिस्तान बार-बार भारत से बातचीत के लिए गुहार लगा रहा है। शहबाज हर देश में जाकर भारत से बातचीत के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। अब पाकिस्तान ने अजरबैजान में भारत के साथ बातचीत की पेशकश दोहराई है। इससे दो दिन पहले 26 मई 2025 को तेहरान में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर, सिंधु जल समझौता, और व्यापार जैसे मुद्दों पर बातचीत की इच्छा जताई थी। तब भी हिंदुस्तान ने साफ कर दिया था कि, पाकिस्तान से केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर ही बात होगी, दूसरे किसी मुद्दे पर भारत पाकिस्तान से बात नहीं करेगा।

यह पहली बार नहीं है, जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार के लिए मिया शहबाज गुहार लगा रहे हैं। 2023 में भी शहबाज ने यही प्रस्ताव रखा था। हालांकि, हिंदुस्तान ने साफ किया है कि भारत-पाकिस्तान संबंध तभी सामान्य हो सकते हैं, जब पाकिस्तान PoK यानि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस कर दे। यहां सवाल उठता है कि, आखिर पाकिस्तान की इस बेचैनी का कारण क्या है? क्यों वो बार-बार धुतकारे जाने के बाद भी भारत के आगे दुम हिला रहा है। बातचीत के लिए करुण क्रंदन कर रहा है।
भारत-पाकिस्तान संबंध:पाक क्यों है बेचैन?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, पाकिस्तान की आर्थिक हालत पिछले कई सालों से खराब है। उसके पास अपनी जनता को दो जून की रोटी खिलाने का भी पैसा नहीं है। महंगाई और बेरोजगारी पाकिस्तान में चरम पर है। जिसके कारण पाकिस्तान भीख का कटोरा लेकर दुनिया में हर जगह घूमता रहता है। मुस्लिम देशों से पैसे की भीख मांगता रहता है।बावजूद इसके उसकी आर्थिक दशा सुधर नहीं रही है, और भारत से संघर्ष के बाद तो उसकी अर्थव्यवस्था रसातल में चली गई है। मूडीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण पाकिस्तान की GDP नकारात्मक हो सकती है।

आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। भविष्य में पाकिस्तान पर और नकेल कसी जा सके, इसलिए सिंधु जल समझौते को भी स्थगित कर दिया है। दरअसल पाकिस्तान को सबसे ज्यादा परेशानी सिंधु जल समझौते के स्थगित होने से हैं, उसे लग रहा है कि, भारत इसके जरिये उसे तिल-तिल मारने की तैयारी कर रहा है। सिंधु जल समझौता स्थगित होने के कारण पाकिस्तान को पानी और बिजली की आपूर्ति पर संकट गहरा गया है। इसके अलावा, भारत ने बगलिहार बांध के जरिए चिनाब नदी का पानी रोक दिया, जिससे पाकिस्तान की कृषि और उद्योग प्रभावित हो रहे हैं।

भारत के इन कदमों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया है।विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेकर चल रहा पाकिस्तान अब भारत के साथ बातचीत को मजबूरी में देख रहा है। क्योंकि अगर पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत के लिए पेशकश नहीं करेगा, तो आने वाले वक्त में उसकी आर्थिक हालत और खराब हो जाएगी
भारत-पाकिस्तान संबंध:हिंदुस्तान का कड़ा रुख
भारत-पाकिस्तान संबंध: टूट रहा व्यापारा
बता दें कि, भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध 2019 के बाद से लगभग समाप्त हो चुके हैं। पहले दोनों देशों के बीच सालाना लगभग 2.5 बिलियन डॉलर का व्यापार होता था, जिसमें भारत से कपड़ा, चाय, और दवाइयां, जबकि पाकिस्तान से सीमेंट, फल, और चमड़ा भारत आते थे। लेकिन 2023-24 में यह व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। इसके बाद भारत ने 2025 में पाकिस्तान से आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। मूडीज की माने तो, अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लंबा खिंचता है, तो पाकिस्तान की जीडीपी में 2-3% की कमी आ सकती है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही पाताल में पहुंच गई है। और भारत के साथ सीमा पर संघर्ष करके उसके ऊपर और कर्ज बढ़ गया है। जिससे वो भारत के सामने घुटनों पर आ गया है। इसके अलावा, भारत ने तुर्की और अजरबैजान जैसे पाकिस्तान समर्थक देशों के सामानों का बहिष्कार शुरू कर दिया, जिससे पाकिस्तान का क्षेत्रीय समर्थन भी कमजोर हुआ है। यह आर्थिक दबाव पाकिस्तान को बातचीत के लिए मजबूर कर रहा है।
भारत की रणनीति और भविष्य
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