"India Needs Fighter Jets
India Needs Fighter Jets Urgently – लेकिन फैसले की रफ्तार कछुए जैसी क्यों?
India Needs Fighter Jets Urgently, लेकिन सरकार I-STAR जैसे हाई-टेक प्रोजेक्ट्स में व्यस्त है। जल्द ही भारतीय वायुसेना (IAF) को I-STAR स्पाय एयरक्राफ्ट मिलने वाले हैं, जिनकी मदद से दुश्मन के ठिकानों की पहचान और निगरानी में काफी तेजी आएगी। करीब 10,000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से भारत अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन जैसे देशों की कतार में शामिल होने को तैयार है, लेकिन हकीकत ये है कि IAF के पास आज भी पर्याप्त फाइटर जेट्स नहीं हैं।
इस हाई-टेक प्रोजेक्ट का प्रस्ताव जून के चौथे हफ्ते में रक्षा मंत्रालय की टॉप लेवल मीटिंग में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ, तो भारत जल्द ही उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जिनके पास I-STAR जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी है—जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल।
ये I-STAR एयरक्राफ्ट किसी भी दुश्मन की जमीन पर मौजूद रडार स्टेशनों, एयर डिफेंस सिस्टम और मोबाइल टारगेट्स की सटीक लोकेशन हवा से पहचान सकेंगे। एयरक्राफ्ट विदेशी कंपनियों जैसे बोइंग और बॉम्बार्डियर से खरीदे जाएंगे, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इनका दिल यानी अंदर लगने वाला सर्विलांस सिस्टम पूरी तरह स्वदेशी होगा — जिसे DRDO और CABS ने मिलकर तैयार किया है।
सीधा मतलब ये है कि तकनीक भी हाई लेवल होगी और कंट्रोल भी देश के हाथ में रहेगा — लेकिन सवाल फिर वही है:
India Needs Fighter Jets Urgently, सिर्फ I-STAR से युद्ध नहीं जीते जाते।
ऑपरेशन सिंदूर में खुल गई पोल!: India Needs Fighter Jets Urgently
हाल ही में चले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जहां दुश्मन के इलाकों पर सटीक और तेज़ हमले की जरूरत थी, वहां वायुसेना को कई बार fighter jets और ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट की भारी कमी से जूझना पड़ा। वायुसेना प्रमुख खुद खुले मंच से कह चुके हैं कि हमारे पास लड़ाकू विमानों की संख्या लगातार घट रही है, और जो हैं, उनमें से कई पुराने हो चुके हैं। लेकिन सरकार की स्पीड वही ढाक के तीन पात!
IAF Ground Reality: High Tech Planes, But No Combat Backbone
जहां एक तरफ एडवांस I-STAR एयरक्राफ्ट को DRDO और CABS जैसे संस्थानों के सहयोग से विकसित किया जा रहा है, वहीं India Needs Fighter Jets Urgently का मुद्दा अब भी ठंडे बस्ते में पड़ा है। हाल ही में AMCA प्रोजेक्ट को मंजूरी जरूर मिली है, लेकिन वह भी 2035 से पहले सेवा में नहीं आएगा। तब तक क्या भारत केवल टेक्नोलॉजी एक्सपो में दिखाने के लिए मॉडल बनाता रहेगा?
पाकिस्तान-चीन स्टील्थ जेट तैनात करने को तैयार, हम केवल जुबानी हमले में माहिर
चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश जल्दी ही अगली पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट तैनात करने की कगार पर हैं। पाकिस्तान JF-17 के उन्नत संस्करण के साथ आगे बढ़ चुका है, और चीन के पास पहले से ही J-20 स्टील्थ फ्लीट है। और हम? हम तो बस प्रेस कॉन्फ्रेंस और घोषणाओं तक ही सीमित हैं। क्या दुश्मन सीमा पर खड़ा होकर हमारा बाइट देखेगा या बमों का जवाब मांगेगा?
क्यों नहीं हो रहा फास्ट ट्रैक डिफेंस डील्स का रास्ता साफ?
अगर AMCA के आने में एक दशक बाकी है, तो तत्काल तौर पर रुस, फ्रांस या किसी और मित्र देश से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर फाइटर जेट क्यों नहीं खरीदे जा रहे? क्या सरकार को इंतजार है कि हालात और बिगड़ें, तब जाकर फैसले लिए जाएं? Rafale सौदा जैसे उदाहरण हमारे पास हैं, फिर क्यों नहीं हो रहा अगला बड़ा कदम?
India Needs Fighter Jets Urgently – क्या सिर्फ I-STAR से दुश्मन रुकेगा?
I-STAR स्पाय एयरक्राफ्ट वाकई गेम चेंजर साबित होंगे। लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि युद्ध केवल आंखों से नहीं, हथियारों से लड़े जाते हैं। निगरानी और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना ज़रूरी है, लेकिन उसके बाद हमला करने के लिए fighter jets भी तो चाहिए! और वो हैं नहीं।
अब और देरी हुई, तो पछताना पड़ेगा
देश की सुरक्षा सिर्फ DRDO की स्लाइड्स और मंत्रालय की बैठकों से नहीं होती। अगर India Needs Fighter Jets Urgently, तो उस जरूरत को ठोस फैसलों में बदलना होगा। नहीं तो आने वाला कल सिर्फ सवालों से भरा होगा, और जवाब देने वाला कोई नहीं बचेगा।
