Virat-Rohit को ODI फॉर्मेट में मिलेगी बड़ी ज़िम्मेदारी ?
Ind Vs Sa: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ODI सीरीज में Virat-Rohit पर सबकी नज़र रहने वाली है, दरअसल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2–0 की टेस्ट हार ने टीम इंडिया को हिला दिया है। गेंदबाजी कोच मॉर्न मॉर्केल ने भी इस नतीजे को निराशाजनक बताया। हालांकि अब भारतीय टीम सफेद गेंद क्रिकेट पर फोकस कर रही है, जहां 30 नवंबर से शुरू हो रही वनडे सीरीज़ को एक रीसेट के रूप में देखा जा रहा है।
Virat-Rohit की भारतीय मैदान पर वापसी
लंबे अंतराल के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली घरेलू वनडे क्रिकेट में वापसी करने जा रहे हैं। रोहित शर्मा रांची में बेहतरीन लय के साथ पहुंचे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 202 रन बनाए और सिडनी में निर्णायक शतक जड़कर टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया। इसी प्रदर्शन ने उन्हें आईसीसी वनडे रैंकिंग में सबसे उम्रदराज नंबर 1 बल्लेबाज का दर्जा दिलाया। दूसरी ओर विराट कोहली ने मुश्किल परिस्थितियों में अपनी लय वापस पाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो बार शून्य पर लौटने के बाद उन्होंने सिडनी में नाबाद 74 रन की पारी खेलकर अपने आत्मविश्वास को फिर से स्थापित किया।

2027 वनडे वर्ल्ड कप में उनकी संभावित भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के बीच इस सीरीज़ की हर पारी उनके भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
रोहित के साथ ओपनिंग कौन करेगा?
शुभमन गिल गर्दन की अकड़न के कारण इस सीरीज़ से बाहर हैं, जबकि केएल राहुल कप्तान की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में ओपनिंग स्लॉट सबसे बड़ी पहेली बन गया है।
यशस्वी जायसवाल अब लगभग सभी फॉर्मेट के नियमित सदस्य हैं, लेकिन वनडे में उन्हें लगातार अवसर नहीं मिले। वहीं ऋतुराज गायकवाड़ ने हाल ही में इंडिया-ए के लिए दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ तीन मैचों में 210 रन बनाए हैं, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत हुई है।
लेकिन चर्चा का असली केंद्र है—
क्या Virat-Rohit ओपनिंग करेंगे?
टी20 वर्ल्ड कप में दोनों ने बतौर ओपनर शानदार शुरुआत दिलाई थी। उनकी साझेदारी ने तेज रन और स्थिरता दोनों दी थी। यही कारण है कि रांची में रो–को को बतौर ओपनिंग जोड़ी आजमाने का विचार अब गंभीर रूप से सामने आ रहा है। ये प्रयोग भारत को नए कॉम्बिनेशन और आक्रामक शुरूआत की दिशा में मजबूती दे सकता है।
गंभीर की रणनीति की परीक्षा
ये सीरीज़ सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि टीम इंडिया की रणनीतिक दिशा की भी परीक्षा है। मुख्य कोच गौतम गंभीर पर हाल ही में आरोप लगे हैं कि वो अत्यधिक प्रयोग करते हैं, लेकिन स्थायित्व कम दिखता है। टेस्ट व्हाइटवॉश ने इस आलोचना को और बढ़ाया है। ऐसे में वनडे सीरीज़ गंभीर के दृष्टिकोण और टीम को दिशा देने की क्षमता का पहला बड़ा परीक्षण साबित हो सकती है।

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