Ujjain में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर किसानों का विरोध, स्थायी ढांचे पर उठाए सवाल
Ujjain News Update
Ujjain News: मध्य प्रदेश में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों को लेकर विवाद तेज हो गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ (BKS) ने सरकार की उस योजना का विरोध किया है, जिसमें उज्जैन की कृषि भूमि अधिग्रहित कर स्थायी ढांचे बनाए जाने की बात है।
Ujjain में किसानों का विरोध और चेतावनी
मंगलवार को उज्जैन जिले के 17 गांवों के किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। बारिश से खराब हुई प्याज और सोयाबीन की मालाएं पहनकर किसानों ने सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई। इसके बाद वे शहर के सामाजिक न्याय परिसर में एकत्र हुए और अपनी 15 सूत्री मांगें प्रशासन के सामने रखीं।
किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आसपास के गांवों से दूध और सब्जियों की आपूर्ति रोक देंगे।
बीकेएस का रुख
बीकेएस महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है और भूमि अधिग्रहण योजना को लेकर गंभीर गलती कर रही है। उन्होंने तर्क दिया कि सिंहस्थ हजारों वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन इसके लिए कभी स्थायी निर्माण की जरूरत नहीं पड़ी।
मिश्रा ने कहा,
- सिंहस्थ के लिए अस्थायी सुविधाएं पर्याप्त हैं।
- किसान हर 11 साल तक उन सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं और एक साल सिंहस्थ के लिए भूमि दे सकते हैं।
- स्थायी ढांचे बनाने से किसानों की आजीविका प्रभावित होगी और परंपरा भी टूटेगी।
उनका दावा है कि इस योजना से 1500 से 1800 किसान प्रभावित होंगे। प्रशासन को सीधे किसानों से संवाद करना चाहिए, न कि उन लोगों से जो केवल कुछ वर्षों के लिए यहां बसे हैं।

पीएम मोदी के दौरे से पहले विरोध
ये विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश दौरे की पूर्व संध्या पर हुआ। पीएम मोदी बुधवार को धार जिले में कपड़ा और परिधान पार्क की आधारशिला रखने वाले हैं।
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ की तैयारियां सभी हितधारकों की सहमति से चल रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी।
सीएम यादव का कहना है कि सरकार का उद्देश्य उज्जैन को “वैश्विक आध्यात्मिक नगर” के रूप में विकसित करना है और स्थायी बुनियादी ढांचे की योजना इसी दृष्टि से बनाई जा रही है।
कुल मिलाकर, सिंहस्थ 2028 को लेकर सरकार और किसानों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। जहां किसान परंपरा और खेती बचाने की बात कर रहे हैं, वहीं सरकार उज्जैन को स्थायी धार्मिक-आध्यात्मिक केंद्र बनाने पर जोर दे रही है।
