
illegal weapon
अमृतपुर में शराब की दुकान से अवैध तमंचा के साथ एक युवक गिरफ्तार, पुलिसिया छापेमारी में खुला ‘वन स्टॉप क्राइम शॉप’ का राज।
लोकेशन:फर्रुखाबाद।संवाददाता-अंकित माथुर
जब शराब का नशा सिर चढ़कर बोले और उसके साथ मिलने वाला illegal weapon का “कॉम्बो ऑफर” भी हो, तो समझिए देशी ठेके अब सिर्फ नशे का ही नहीं, हथियारबंदी का भी अड्डा बन चुके हैं। फर्रुखाबाद के अमृतपुर थाना क्षेत्र में कुछ ऐसा ही हुआ, जहां पुलिस ने एक देशी शराब की दुकान से अवैध तमंचा के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया।
देशी शराब की दुकान या ‘वन स्टॉप क्राइम शॉप’?
दरअसल मुखबिर की सूचना पर अमृतपुर थानाध्यक्ष मोनू शाक्या जब राजेपुर में एक देशी शराब की दुकान पर पहुंचे, तो उन्हें शायद खुद भी नहीं पता था कि वह किसी बार का नहीं, बल्कि ‘आर्म्स एक्सपो’ का पर्दाफाश करने जा रहे हैं। जैसे ही उन्होंने तलाशी शुरू की,एक युवक के पास से illegal weapon यानी तमंचा बरामद हुआ। इधर पुलिस को देख शराब खरीदने और पीने आये लोग ऐसे नौ दो ग्यारह हुए जैसे ‘GST छापा’ पड़ गया हो। कोई बोतल लेकर भागा, तो कोई बोलत छोड़कर।
गिरफ्तार आरोपी और ‘लोकल गैंगस्टर का स्टाइल’
गिरफ्तार युवक की पहचान रतनपुर पमारान गांव निवासी के रूप में हुई है। उसकी बॉडी लैंग्वेज और जेब में रखा तमंचा देखकर पुलिस ने अनुमान लगाया कि यह कोई आम शराबी नहीं, बल्कि “गली बॉय क्राइम यूनिवर्स” का संभावित कास्टिंग कैंडिडेट हो सकता है। Illegal weapon लेकर शराब की दुकान पर उसके आने का अंदाज़ भी वही था—बेखौफ, बेलौस और बेलगाम।
तमंचा क्यों लाए? जवाब मिला- ‘सेल्फ डिफेंस ब्रो!’
जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि वह शराब की दुकान पर तमंचा लेकर क्यों आया, तो जवाब मिला—“अरे साहब, आजकल ठेकों पर लाइन में खड़ा होना भी खतरे से खाली नहीं है।” यानी अब illegal weapon भी नया “थैला” हो गया है, जो हर ग्राहक साथ लाता है—न किसी झगड़े की गारंटी, न कानून का डर।
पुलिसिया प्रेस नोट: कार्रवाई जारी है…
थानाध्यक्ष मोनू शाक्या ने बताया कि शराब की दुकान पर संदिग्धों की तलाशी ली गई और illegal weapon के साथ एक युवक को मौके पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि युवक हथियार कहां से लाया और क्या उसका कोई गिरोह से संबंध है। यानी अब रिपोर्टिंग का अगला स्टेप: “लड़का कौन था, तमंचा कहां से आया और बाकी दोस्त कहां हैं?”
समाज में चर्चा: ‘देशी के साथ अगर तमंचा मिले तो…’
इलाके के लोगों का कहना है कि अब शराब के ठेके सिर्फ नशे के अड्डे नहीं रहे, बल्कि अपराध की प्रयोगशालाएं बन चुके हैं। Illegal weapon के साथ पकड़ा गया युवक केवल एक उदाहरण है। सवाल यह है कि जब प्रशासन की नाक के नीचे ये ‘कॉम्बो ऑफर’ चल रहे हैं, तब कौन ज़िम्मेदार?
अब ठेके पर लिखिए – “शराब पीने से पहले तमंचा जमा करें”
फर्रुखाबाद की इस घटना ने प्रशासन को चेताया है कि अब देशी शराब की दुकानों पर भी CCTV नहीं, CRPF पोस्ट की ज़रूरत है। और ग्राहकों के लिए सख्त नियम बनाएं—”शराब लेने से पहले हथियार जमा करें, नहीं तो शराब भी जब्त और तमंचा भी सीज।”
Nice article.