 
                  सांसद से बदतमीज़ी? ADM पर गरजे समाजवादी
Ikra Hasan controversy का पारा सहारनपुर में इस कदर चढ़ा कि समाजवादी पार्टी सड़क पर उतर आई। सांसद इकरा हसन से कथित अभद्रता के विरोध में जिला अध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद की अगुवाई में सपा कार्यकर्ताओं का सैलाब दिल्ली रोड स्थित कमिश्नर ऑफिस पर उमड़ पड़ा।
“जनता के सेवक हैं या बब्बर शेर?”— ऐसा नारा लगाते हुए समाजवादी नेता पहुंचे, और सीधे मांग रखी – ADM को तमीज़ सिखाओ या कुर्सी से उठाओ।
Ikra Hasan controversy:ज्ञापन से गुज़री गर्मी, विरोध में आया पसीना
Ikra Hasan controversy पर सपा नेताओं ने साफ शब्दों में ADM की भाषा को “घमंड से भरा और असंवैधानिक” बताया। ज्ञापन में कहा गया – “जनता की चुनी हुई सांसद से इस तरह बोलना न केवल अपमान है, बल्कि संविधान का चीरहरण है।”
बात बस इतनी नहीं थी। प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने कहा – “हम तो समझते थे ADM मतलब Additional District Magistrate होता है, अब तो लगता है – Agressive Drama Master है!”
Ikra Hasan controversy:सियासत की जमीन पर गरमी बढ़ी, प्रशासन मौन

Ikra Hasan controversy के बहाने सहारनपुर की सियासी हवा गर्म हो गई है। समाजवादी पार्टी ने चेतावनी दी – “अगर ADM के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे विधानसभा और सचिवालय भी कांप उठेगा।”
वहीं प्रशासन की ओर से इस विवाद पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो अधिकारी वर्ग इस ‘राजनीतिक बवंडर’ को ‘गर्मी का असर’ मानकर टाल रहा है।
राजनीतिक जानकारों की माने तो Ikra Hasan controversy आने वाले समय में सपा के लिए मुद्दा बन सकती है। “एक महिला सांसद के सम्मान का प्रश्न है, इससे वोटर भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं,”
अब जनता पूछ रही – ‘आप अधिकारी हैं या राजा साहब?’
ADM की कथित बदजुबानी को लेकर सोशल मीडिया पर भी बवाल है। ट्विटर पर #IkraHasan ट्रेंड करने लगा, लोग पूछ रहे – “क्या यही है ‘मित्र पुलिस’ का नया चेहरा?” कुछ ने तो इसे “लोकतंत्र की लाठी” करार दे दिया।
महिला सांसद से ये सुलूक? लोकतंत्र को पसीना आ गया!

ADM साहब शायद भूल गए कि सामने कोई जन सेवा की लाइन में लगी आम महिला नहीं, बल्कि संसद भवन की ज़ुबान है — इकरा हसन! लेकिन अब क्या कहें, ADM साहब तो ठहरे बड़े अधिकारी, कहां किसी को कुछ समझने वाले! लिहाजा अफसरशाही का नशा कुछ ऐसा चढ़ा कि, सांसद को सार्वजनिक रूप से लहजे की लाठी से पीट डाला।ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये सपाईयों का आरोप है।
सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि ADM का रवैया ‘कुर्सी का खुमार’ और ‘अहंकार का सागर’ है। “अगर यही अफसरशाही है, तो लोकतंत्र को लोकतंत्र कहना खुद लोकतंत्र का अपमान है!” – एक नेता ने तो माइक पर बोलते हुए कहा, “ADM साहब को लोकतंत्र के पहले अक्षर का मतलब भी नहीं पता।”
आखिर क्या था पूरा मामला? जानिए Ikra Hasan controversy की जड़

पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब 1 जुलाई को जब इकरा हसन शमा परवीन के साथ ADM कार्यालय पहुंचीं,इकरा हसन का आरोप है कि उन्हें लंच के बहाने टरकाया गया। फिर दोपहर 3 बजे तक इंतज़ार के बाद जब मुलाकात हुई, लेकिन सामने बैठे ADM साहब शायद खुद को वाइस-रॉय ऑफ सहारनपुर समझ बैठे। बातों-बातों में उनके मुंह से ऐसे शब्द निकले जो न सांसद के गरिमामय पद से मेल खाते थे, न प्रशासन की मर्यादा से। ऐसा सांसद का आरोप है।विरोध यहीं से शुरू हुआ, और अब Ikra Hasan controversy सोशल मीडिया से लेकर सियासत की गलियों में गूंज बन चुकी है। सपा ने इस मुद्दे को पूरे उत्तर प्रदेश में उठाने की तैयारी कर ली है और आने वाले दिनों में ADM की कुर्सी का वजन हल्का हो सकता है — अगर सरकार को संवैधानिक गरिमा की थोड़ी भी चिंता हुई।

 
         
         
         
        