Hospital Negligence: बलिया के CHC में ऑक्सीजन प्लांट-कंसंट्रेटर बने शोपीस
बलिया में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की लापरवाही ने एक बुजुर्ग महिला को मार डाला! ये सच है! सरकारी बदहाली और लापरवाही जब हद तोड़ती है तो जनता भुगतती है। सरकारी लापरवाही की कीमत मासूम लोगों को जान देकर चुकानी पड़ती है- जैसा की बलिया के सोनबरसा में हुआ। सोनबरसा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में ऑक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटर मशीनें महज शोपीस बनकर रह गई हैं। इस CHC में एक बुजुर्ग महिला को जान बचाने के लिए लाया गया था – लेकिन हुआ उल्टा – बुजुर्ग महिला ने यहां आकर दम तोड़ दिया – क्योंकि अस्पताल में बिजली कटौती और डीजल की कमी के कारण जनरेटर नहीं चल सका। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और सरकारी तंत्र की लापरवाही को उजागर करती है।
Hospital Negligence: बिजली गुल, जनरेटर खराब, तड़पकर बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ा
परिजनों के अनुसार रात में अचानक मरीज की तबीयत बिगड़ने पर उसे सीएचसी सोनबरसा लाया गया। लेकिन अस्पताल में बिजली नहीं थी – इन्वर्टर भी फेल था। जनरेटर को चलाने के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं था। मरीज को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी – लेकिन अस्पताल की अव्यवस्था के चलते यह संभव नहीं हो सका। करीब एक घंटे की देरी और लापरवाही ने मरीज की जान ले ली।

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Hospital Negligence: डॉक्टर साहब होते तो ना टूटती सांस, पर वो भी नहीं मिले
मृतक बुजुर्ग महिला के बेटे उदित पाठक ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इमरजेंसी में तैनात डॉ. काजिम अपने आवास पर थे – जिन्हें लाने में 20 मिनट की देरी हुई। इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती रही। उदित ने आरोप लगाया कि डीजल की कमी और बिजली न होने के कारण उनकी मां को ऑक्सीजन नहीं मिल सका, जिससे उनकी मौत हो गई।
Hospital Negligence: सवालों में CHC तो प्रभारी सुपरिंटेंडेंट भागते सफाई देने आए
बलिया के सोनबरसा सीएचसी के प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजेश सरोज अब सफाई देते घूम रहे हैं – क्योंकि नौकरी खतरे में है। साहब दावा कर रहे हैं कि मरीज को जिला अस्पताल रेफर किया गया था – लेकिन परिजन उसे ले नहीं गए। डॉ. राजेश सरोज का दावा ये भी है कि सभी स्टाफ ड्यूटी पर थे। लेकिन परिजनों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही और संसाधनों की कमी ने उनकी मां की जान ली है – अगर बदहाली और लापरवाही नहीं होती तो मां बच जाती।
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Hospital Negligence: CHC का ये हाल तो कहां इलाज करवाए जनता?
बलिया की इस शर्मनाक घटना ने न केवल मृतक के परिजनों – बल्कि क्षेत्रीय लोगों में भी भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं तो जनता भरोसा कहां करे? यह घटना स्वास्थ्य विभाग और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है। बुजुर्ग महिला की मौत स्वास्थ्य विभाग और सरकार से जवाब मांग रही है-
- ऑक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटर जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं सीएचसी में क्यों निष्क्रिय पड़ी हैं?
- बिजली कटौती के दौरान जनरेटर के लिए डीजल की व्यवस्था क्यों नहीं थी?
- इमरजेंसी में डॉक्टर की अनुपस्थिति को कैसे उचित ठहराया जा सकता है?
- क्या स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की बदहाली पर कोई ठोस कदम उठाएगा?
- सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम जनता तक क्यों नहीं पहुंच रहा?
Written by khabarilal.digital Desk
संवाददाता: संजय कुमार तिवारी
लोकेशन: बलिया, यूपी
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