 
                  Hisar Students Mahapanchayat. यूनिवर्सिटी में गर्माया माहौल, धारा 163 लागू… छात्रों ने की महापंचायत. स्टूडेंट्स यूनियन का दावा – VC रहेगा तो प्रदर्शन जारी रहेगा.
Hisar : हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहा छात्र आंदोलन मंगलवार को और तेज हो गया जब छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 पर “छात्र न्याय महापंचायत” का आयोजन किया… छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज को तत्काल बर्खास्त किया जाए और 10 जून को हुए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो. इस Mahapanchayat में विभिन्न छात्र संगठनों के साथ-साथ किसान संगठन, खाप पंचायतें और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए जिससे माहौल और गर्म हो गया.
छात्रों का आंदोलन, विपक्ष का समर्थन

महापंचायत में हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद और भिवानी जिलों से छात्र, किसान संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता पहुंचे. JJP नेता दिग्विजय चौटाला ने मौके पर पहुंचकर छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई और VC की बर्खास्तगी की मांग का समर्थन किया. साथ ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा समेत तमाम बड़े कांग्रेसी नेताओं ने भी आंदोलन को समर्थन किया. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वीडियो कॉल के जरिए छात्रों से बात की और संसद में मुद्दा उठाने का आश्वासन दिया. INLD नेता अभय चौटाला ने VC पर फर्जी डिग्री के आरोप लगाए और उनकी योग्यता पर सवाल उठाए.
प्रशासन की ओर से धारा 163 लागू

जिलाधीश अनीश यादव ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए HAU, लघु सचिवालय और कोर्ट परिसर के 2 किलोमीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी. इसके तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने और हथियार लेकर चलने पर रोक है. आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दंडनीय होगा. हालांकि छात्रों और समर्थकों ने इस प्रतिबंध का विरोध किया और इसे आंदोलन को दबाने की कोशिश बताया.
छात्रों के आरोप और मांगें
Hisar Lathicharge को लेकर छात्रों का आरोप है कि 10 जून को विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी शांतिपूर्ण मांगों पर लाठीचार्ज करवाया, जिसमें 20 से ज्यादा छात्र घायल हुए. बीएससी (कृषि) के छात्र दीपांशु कादियान को सिर में छह टांके लगे, जबकि लास्ट ईयर के स्टूडेंट चक्षु को 30 टांके लगे. छात्रों ने कुलपति कंबोज, रजिस्ट्रार पवन कुमार और मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया… उनकी प्रमुख मांगें हैं…
- कुलपति बीआर कंबोज की तत्काल बर्खास्तगी.
- लाठीचार्ज में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी.
- छात्रवृत्ति नीति को पुराने स्वरूप में बहाल करना.
- लैंड डोनेशन विलेज कोटा को रद्द करने का निर्णय वापस लेना.
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
विश्वविद्यालय ने लाठीचार्ज में शामिल सहायक प्रोफेसर राधे श्याम और चार सुरक्षा गार्डों को निलंबित कर दिया है. राधे श्याम को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, और 8 कर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत हत्या का प्रयास, दंगा और आपराधिक धमकी जैसे आरोप दर्ज किए गए हैं. विश्वविद्यालय ने छात्रवृत्ति नीति और LDV कोटा में बदलाव वापस लेने पर सहमति जताई है लेकिन छात्र VC की बर्खास्तगी पर अड़े हैं. मामले की गंभीरता और विपक्ष से मिल रहे समर्थन को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई है. इस कमेटी ने 22-23 जून को छात्रों के साथ पांच दौर की बातचीत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. छात्रों का आरोप है कि कमेटी ने उनकी मुख्य मांगों को नजरअंदाज कर धरना खत्म करने का दबाव बनाया है. इन सब बातों को देखते हुए छात्रों ने महापंचायत के जरिए अपने आंदोलन को और मजबूत करने का फैसला किया है. छात्रों ने कहा कि जब तक VC हटाए नहीं जाते और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक उनका धरना और परीक्षा बहिष्कार जारी रहेगा.

 
         
         
        