Himachal Pradesh के स्कूलों में बदलेगा 20 फीसदी पाठ्यक्रम

Himachal Pradesh के स्कूलों में बदल रहा Syllabus – जानें क्यों लिया ये फैसला?

Himachal Pradesh में स्कूली शिक्षा में सुधार – संस्कृति और सामाजिक मुद्दों पर जोर
खबरीलाल.डिजिटल रिपोर्टर – हिमाचल ब्यूरो
Himachal Pradesh की मौजूदा सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए पाठ्यक्रम में बड़ा  बदलाव करने जा रही है। कक्षा 5 से 12 तक के सिलेबस में हिमाचल का इतिहास, संस्कृति, रीति-रिवाज, सामान्य ज्ञान, सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति जैसे विषयों को शामिल किए जाने की तैयारी है।
हिमाचल के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा सचिव राकेश कंवर को पाठ्यक्रम संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। स्कूली शिक्षा का पाठ्यक्रम बदलने का उद्देश्य छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना है।

पाठ्यक्रम में क्या क्या बदल रहा

  • 20% सिलेबस में संशोधन: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के 80% पाठ्यक्रम को यथावत रखा जाएगा, जबकि 20% पाठ्यक्रम में राज्य सरकार अपने स्तर पर बदलाव करेगी।
  • हिमाचल की संस्कृति और इतिहास: पाठ्यक्रम में हिमाचल की लोक संस्कृति, परंपराएं, वेशभूषा और इतिहास को अनुपूरक पुस्तकों के माध्यम से शामिल किया जाएगा।
  • सामान्य ज्ञान को प्राथमिकता: सामान्य ज्ञान को पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा, ताकि छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
  • सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति: सामाजिक जागरूकता के लिए सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति जैसे संवेदनशील विषयों को शामिल किया जाएगा।
Himachal Pradesh के स्कूलों में बदलेगा 20 फीसदी पाठ्यक्रम
Himachal Pradesh के स्कूलों में बदलेगा 20 फीसदी पाठ्यक्रम

शिक्षा मंत्री Rohit Thakur ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत नशा मुक्ति के लिए स्कूली बच्चों को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, बदलते दौर में हिमाचल की संस्कृति और परंपराओं की जानकारी देना भी जरूरी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा – “यह बदलाव न केवल अकादमिक ज्ञान को बढ़ाएंगे, बल्कि जीवन मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारियों और पहचान को भी मजबूत करेंगे।”

HCERT करेगा सिलेबस में संशोधन

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को पाठ्यक्रम में संशोधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर अगले सप्ताह होने वाली बैठक में प्रस्ताव पेश करेंगे। सरकार की मंजूरी के बाद इस शैक्षणिक सत्र से ही संशोधित पाठ्यक्रम लागू करने की योजना है।

पाठ्यक्रम में बदलाव का मकसद जानें

  • सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव: छात्रों को हिमाचल की संस्कृति, परंपराओं और इतिहास के प्रति जागरूक करना।
  • सामाजिक जागरूकता: नशा मुक्ति और सड़क सुरक्षा जैसे विषयों के जरिए युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाना।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी: सामान्य ज्ञान को शामिल कर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना।

जो विषय पहले से सिलेबस में – उनका विस्तार

हिमाचल प्रदेश के स्कूली शिक्षा में पाठ्यक्रम में अभी नैतिक शिक्षा, योग और कुछ स्थानीय विषय शामिल हैं। अब इनका विस्तार कर नए विषयों को जोड़ा जाएगा। NCERT की गाइडलाइंस के तहत – राज्यों को 20% पाठ्यक्रम में बदलाव की छूट है – इसी छूट का उपयोग हिमाचल सरकार कर रही है।

हिमाचल प्रदेश सरकार का कहना है कि यह कदम स्कूली शिक्षा को अधिक समृद्ध और प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पाठ्यक्रम में स्थानीय संदर्भों और सामाजिक मुद्दों को शामिल कर छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाएगा।

 

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