 
                  Himachal के चंबा में लैंडस्लाइड से 11 लोगों की मौत… उत्तराखंड में बादल फटा, 5 की गई जान. पंजाब के 835 गांव प्रभावित, 62 डूबे, 2500 का रेस्क्यू
Chandigarh : Himahal Pradesh के चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन ने मणिमहेश यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है… खबरीलाल के खबरियों ने बताया कि मणिमहेश यात्रा को जाने वाले 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जिनमें 3 पंजाब के, 5 चंबा के और 1 उत्तर प्रदेश से आए थे. जबकि 2 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. मौतों का मुख्य कारण पहाड़ों से गिरते पत्थर और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है.
करीब 3 हजार श्रद्धालु फंसे

जिला प्रशासन के अनुसार, लगभग 3,000 श्रद्धालु भरमौर और मणिमहेश ट्रैक पर फंसे हुए हैं जहां Mobile Network और सड़कें पूरी तरह ठप हैं. पिछले सप्ताह भी इसी तरह के Landslide में 7 मौतें हुई थीं और 9 लोग लापता हो गए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है और राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. Landslide से चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे हजारों लोग पैदल लौटने को मजबूर हैं… जिला प्रशासन ने कलसुंई से पठानकोट के लिए 3 Busses रवाना कीं, जिनमें 150 श्रद्धालु सवार थे. कुल मिलाकर हिमाचल में Monsoon से अब तक 312 मौतें हो चुकी हैं जिसमें चंबा में 14 शामिल हैं.
उत्तराखंड में बादल फटने से 5 मौत

Uttrakhand के रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और टिहरी गढ़वाल जिलों में गुरुवार रात बादल फटने से भारी तबाही मची है… 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3 लापता हैं. Landslide से 30-40 परिवार मलबे में दब गए और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. रुद्रप्रयाग के जखोली में एक मकान ढहने से एक महिला की मौत हुई जबकि 4 नेपाली और 4 स्थानीय मजदूर मलबे में दबे हैं. यहां से 70 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों से संपर्क कर राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं. NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हैं.
पंजाब में बाढ़ का तांडव, डूबे 62 गांव

Punjab के फिरोजपुर जिले में भारी बारिश और सतलुज नदी के उफान से 62 गांव प्रभावित हुए हैं… प्रशासन ने 2500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है साथ ही 13 रिलीफ कैंप स्थापित किए गए हैं. BSF, NDRF, ARMY बचाव कार्य में जुटी हैं. पूरे पंजाब में 835 गांव प्रभावित हैं, जिनमें 6600 लोग विस्थापित हो चुके हैं. फाजिल्का, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, कपूरथला, तरनतारन और अमृतसर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ने से 1.5 लाख एकड़ फसल डूब गई है. पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से स्थिति बिगड़ी. CM Bhagwant Mann ने 30 अगस्त तक स्कूल बंद करने का ऐलान किया है. आर्मी ने 1211 लोगों को बचाया जबकि IAF ने 190 को हेलीकॉप्टर से निकाला.

 
         
         
        