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Himachal Forest Land: सुक्खू सरकार का डबल तोहफा, जानें हिमाचल की दो बड़ी खबरें एक साथ
Himachal Forest Land: हिमाचल प्रदेश से जुड़ी ये अहम खबर है. हिमाचल में सरकार वन भूमि पर जीवन यापन करने वाले लोगों को मालिकाना हक सौंप रही है जिसकी शुरुआत किन्नौर जिले से हो गई है. हिमाचल में वन भूमि पर 13 दिसंबर 2005 से पहले तीन पुश्तों तक के कब्जे को सरकार ने नियमित करने का फैसला लिया है. इसी फैसले के तहत दावेदारों के वन भूमि पर 50 बीघा तक कब्जे को नियमित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को किन्नौर जिले के कल्पा पहुंचे थे. यहां उन्होंने आईस स्केटिंग रिंक आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कल्पा ब्लॉक के 25 लाभार्थियों को भूमि पट्टे के मालिकाना हक के प्रमाण पत्र बांटे.
460 परिवारों को मिला मालिकाना हक
Himachal Forest Land: वन अधिकार अधिनियम 2006 कानून के तहत प्रदेश में 460 लोगों को घर बनाने के लिए पट्टे सौंपे गए हैं. किन्नौर जिले के कल्पा ब्लॉक के 25 परिवारों को घर बनाने के लिए पट्टे बांटे गए हैं. सोमवार को कल्पा में इस बड़े एलान के साथ सीएम सुक्खू ने किन्नौर विधानसभा क्षेत्र में 48 करोड़ 48 लाख करोड़ रुपये विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया.

पर्यटकों के लिए खुल गया शिपकी-ला दर्रा
75 साल में पहली बार शिपकी-ला दर्रे को भी पर्यटकों के लिए मंगलवार (10 जून 2025) से खोल दिया गया है. ये दर्रा खूबसूरती और रोमांच का संगम है. केंद्र से मंजूरी के बाद यहां से पर्यटक चीन बॉर्डर तक जा सकते हैं. हिमाचल आने वाले पर्यटक सिर्फ आधार कार्ड और टोकन लेकर देश के इस नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन शिपकी-ला दर्रे जा सकते हैं. सीएम सुक्खू का कहना है कि इससे किन्नौर के विकास को भी बल मिलेगा.

दिन में ही दीदार.. रात नहीं ठहर पाएंगे
जो पर्यटक शिपकी-ला दर्रे तक जाना चाहते हैं. उन्हें किन्नौर के खाब में ITBP की चेक पोस्ट पर पहचान पत्र दिखाना होगा. इसके बाद ही उन्हें आगे जाने की परमिशन मिलेगी. हिमाचल आने वाले पर्यटक इससे पहले तक किन्नौर तक ही आ पाते थे. खाब से आगे जाने की अनुमति पर्यटकों को नहीं थी. लेकिन 75 साल बाद शिपकी-ला दर्रे को खोलने की अनुमति केंद्र से मिलने के बाद पर्यटक अब इस नई..खूबसूरत और रोमांच से भरी जगह की सैर कर पा रहे हैं. यहां से सतलुज नदी और स्पीति नदी का संगम भी देखने को मिलेगा. नाको में बौद्ध मोनेस्ट्री और लेक भी देख सकते हैं. लेकिन पर्यटकों को यहां पर रात में ठहरने की परमिशन नहीं होगी. सुबह खाब से आगे जाने के बाद शाम को ही आपको वापस लौटना होगा.
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