Himachal Cloud Burst: हिमाचल में बादल फटने से हाहाकार…इतने लोग लापता…बचाव के लिए ऑपरेशन शुरू
रिपोर्टर: आदित्य श्रीवास्तव, शिमला
Himachal Cloud Burst: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बुधवार (25 जून) शाम तेज बारिश और बादल फटने के बाद आई अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। कई इलाकों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग बह गए। इनमें से कुछ को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश अभी जारी है।
कांगड़ा के मणूणी खड्ड में इंदिरा प्रियदर्शिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट के पास मज़दूरों की एक अस्थायी कॉलोनी थी, जहां 15–20 मज़दूर ठहरे हुए थे। बुधवार शाम पानी के तेज बहाव ने इन लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। अब तक दो शव बरामद हुए हैं और अन्य की खोज की जा रही है।

NDRF और SDRF ने चलाया ऑपरेशन
Himachal Cloud Burst: मौके का दौरा करने के बाद उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया, “एसडीआरएफ की दो टीमें और होम गार्ड्स की एक टीम को मौके पर तैनात किया गया है। एनडीआरएफ को भी राहत और बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है। फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता लापता लोगों की तलाश और घायलों को सुरक्षित निकालना है।”
एक व्यक्ति जो बाढ़ के दौरान अपनी जान बचाकर पहाड़ी की ओर भागा था, उसका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। प्रशासन ने उसकी तलाश के लिए विशेष टीम भेजी है। लापता लोगों में कुछ हिमाचल के नूरपुर और चंबा से हैं, जबकि कुछ उत्तर प्रदेश से आए प्रवासी मज़दूर हैं।

बादल फटा और ऐसे बह गए लोग
कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र के रेहला बिहाल गांव में तीन लोग उस समय बह गए जब वे अपने घरों से सामान निकालने की कोशिश कर रहे थे। अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जीव नाला, रेहला बिहाल और गडसा के शीलगढ़ क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मनाली और बंजार क्षेत्रों में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और वहां भी तलाशी अभियान जारी है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “इस संकट की घड़ी में भाजपा का हर कार्यकर्ता देवभूमि के नागरिकों की मदद के लिए समर्पित है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिवारों को इस दुख को सहने की शक्ति मिले।”

धर्मशाला की बाढ़ में बह गए 15-20 लोग
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट साइट उनके गांव से महज एक किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि बुधवार शाम उन्हें सूचना मिली कि जलस्तर अचानक बढ़ गया है और 15–20 लोग बह गए हैं। शर्मा ने मजदूरों को नाले के किनारे बनाए गए टिन शेड में ठहराना और खराब मौसम के बावजूद उन्हें वहां से न हटाना प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया और मामले की जांच की मांग की। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवज़ा देने की अपील की।
अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के कारण परियोजना का काम पहले ही रोक दिया गया था, लेकिन मजदूर अस्थायी शेड में आराम कर रहे थे। इसी दौरान मणूणी खड्ड और आसपास के नालों का पानी बढ़कर मज़दूर कॉलोनी में घुस गया और कई लोगों को बहा ले गया।

भारी बारिश से प्रदेश में ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। लाहौल और स्पीति पुलिस ने भी जानकारी दी है कि काजा से समदोह तक सड़क भूस्खलन, मलबा गिरने और नालों के उफान पर होने के कारण कई स्थानों पर बाधित हो गई है।
हिमाचल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। मंगलवार शाम से पालमपुर में 145.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। जोगिंदरनगर में 113 मिमी, नाहन में 99.8 मिमी, बैजनाथ में 85 मिमी, पांवटा साहिब में 58.4 मिमी, गोहर में 55 मिमी, धर्मशाला में 54.1 मिमी, जट्टन बैराज में 49.2 मिमी, कांगड़ा में 44.4 मिमी, नारकंडा में 41 मिमी, जोत में 30 मिमी, रायपुर मैदान में 29.2 मिमी, अंब में 25.6 मिमी और कसौली में 22 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने 5 जिलों- चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में गुरुवार (26 जून) शाम तक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, सतर्कता बरतें और किसी भी तरह की अफवाह से बचें। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों से भी सावधानी रखने और प्रशासन की गाइडलाइंस के हिसाब से चलने की अपील की गई है।
ये खबर भी पढ़ें- हरियाणा में मानसून की डराने वाली एंट्री!
