
Law and Order- दिनदहाड़े हाथरस में डीएम के ड्राइवर की बेटी को मारी गोली
उत्तर प्रदेश के हाथरस में अपराधियों ने Law and Order को खुली चुनौती दी। डीएम राहुल पांडेय के ड्राइवर की बेटी कल्पिता शर्मा (24) की तहसील सदर के पास बुलेट सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। 2024-2025 में यूपी में हत्याओं का ग्राफ 8% बढ़ा, जो Law and Order की बदहाली को दर्शाता है।

हाथरस में बेलगाम अपराध: डीएम के ड्राइवर की बेटी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, Law and Order पर उठे गंभीर सवाल
हाथरस। हिमांशु तिवारी।उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में Law and Order की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे अब सरकारी अधिकारियों के परिजनों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे। ताजा मामला हाथरस के तहसील सदर इलाके का है, जहां बुलेट सवार दो हमलावरों ने दिनदहाड़े जिलाधिकारी (डीएम) राहुल पांडेय के ड्राइवर राकेश कुमार शर्मा की 24 साल की बेटी कल्पिता शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना Law and Order की पोल खोलने के लिए काफी है, क्योंकि हमला उस इलाके में हुआ, जहां से चंद कदम की दूरी पर सीओ सिटी कार्यालय, एएसपी आवास, एसडीएम आवास और अन्य सरकारी अधिकारियों के कार्यालय मौजूद हैं।
Law and Order :अपराधियों की खुली चुनौती
शनिवार, 14 जून 2025 को शाम के वक्त कल्पिता अपनी मां के साथ बाजार से शॉपिंग कर स्कूटी से घर लौट रही थीं। तहसील सदर के गेट के पास, जहां सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया जाता है, वहां पहले से घात लगाए बुलेट सवार दो हमलावरों ने स्कूटी को रोका और कल्पिता पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। गोली लगने से कल्पिता की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर घटना को अंजाम देकर आराम से फरार हो गए, और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर भीड़ जमा हो गई। आनन-फानन में कल्पिता को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतका की मां ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि हमलावर उनकी बहू ज्योति शर्मा के प्रेमी था, जिसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रिवॉल्वर उनकी बहू ने ही घर से चुराई थी।
पुलिस की नाकामी, Law and Order ध्वस्त
हाथरस के एसपी चिरंजीव नाथ सिंह ने बताया कि मामले में सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। लेकिन सवाल यह है कि जब अपराधी सरकारी अधिकारियों के आवास के पास इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा? यह घटना Law and Order की बदहाली का जीता-जागता सबूत है।
पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि हमलावर पहले से घात लगाए थे, लेकिन कोई सतर्कता नहीं बरती गई। जिस इलाके में सीसीटीवी कैमरे और पुलिस गश्त का दावा किया जाता है, वहां दिनदहाड़े हत्या हो जाना Law and Order पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस का रवैया ढीला है और अपराधियों में कानून का कोई खौफ नहीं बचा।
उत्तर प्रदेश में अपराध का बढ़ता ग्राफ
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2024 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में Crime Rate देश में सबसे ऊंचा है। प्रति लाख जनसंख्या पर दर्ज होने वाले अपराधों की संख्या में यूपी लगातार शीर्ष पर बना हुआ है। 2024 में उत्तर प्रदेश में कुल 6.2 लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो 2023 की तुलना में 8% अधिक है।
हत्या के आंकड़े: 2024 में यूपी में 4,500 से अधिक हत्याएं दर्ज की गईं, जो 2023 के 4,200 मामलों से ज्यादा है। 2025 के पहले छह महीनों में ही 2,300 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, जिसमें हाथरस जैसे जिले भी शामिल हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध: 2024 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 65,000 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें 4,000 से ज्यादा बलात्कार और 1,200 दहेज हत्याएं शामिल हैं।
हाथरस में अपराध: जिले में 2024-2025 के बीच Crime Rate में 12% की वृद्धि हुई है। हत्या, लूट, और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों में भी इजाफा देखा गया।
इन आंकड़ों से साफ है कि यूपी में Law and Order की स्थिति चरमरा गई है। सरकार के दावों के बावजूद अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
क्या हैं अपराध बढ़ने की वजहें?
पुलिस की कमी: यूपी में पुलिसकर्मियों की भारी कमी है। प्रति लाख जनसंख्या पर पुलिसकर्मियों की संख्या राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
निष्क्रिय प्रशासन: पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी के चलते अपराधियों को पकड़ने में देरी होती है।
सामाजिक समस्याएं: गरीबी, बेरोजगारी, और अशिक्षा जैसे मुद्दे अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। नीति आयोग के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, यूपी की 37.79% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है।
राजनीतिक संरक्षण: कई मामलों में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात सामने आती है, जिससे Law and Order और कमजोर होता है।
सरकार के दावे खोखले!
योगी सरकार लगातार दावा करती रही है कि यूपी में Law and Order को मजबूत किया गया है। 24×7 पुलिस गश्त, 112 इमरजेंसी सेवा, महिला हेल्पलाइन, और फास्ट-ट्रैक कोर्ट जैसे कदम उठाए गए हैं। लेकिन हाथरस जैसी घटनाएं इन दावों की हकीकत बयां करती हैं। जब डीएम के ड्राइवर की बेटी ही सुरक्षित नहीं, तो आम जनता का क्या हाल होगा?Hathras Murder ने एक बार फिर साफ कर दिया कि योगी सरकार की ‘ठोक दो नीति’ सिर्फ भाषणों में ज़िंदा है। हकीकत में अपराधियों ने ही ठोकना शुरू कर दिया है—वो भी अफसरों की नाक के नीचे।
आगे क्या?
हाथरस की इस घटना ने एक बार फिर यूपी की Law and Order व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को चाहिए कि:
पुलिस बल की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें आधुनिक हथियारों से लैस किया जाए।
सीसीटीवी नेटवर्क को और मजबूत किया जाए, खासकर संवेदनशील इलाकों में।
अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि कानून का खौफ बरकरार रहे।
सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान किया जाए, जो अपराध की जड़ में हैं।
हाथरस में कल्पिता शर्मा की हत्या सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि यूपी में बिगड़ती Law and Order की तस्वीर है। जब अपराधी दिनदहाड़े सरकारी अधिकारियों के परिजनों को निशाना बना सकते हैं, तो यह साफ है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सरकार को अब जागने की जरूरत है, वरना अपराधियों का दुस्साहस और बढ़ेगा।