Haryana Punjab SYL Dispute. केंद्र सरकार का हरियाणा-पंजाब को लेटर. SYL मुद्दे पर दोनों CM का बुलाया. 10 जुलाई को दिल्ली में मसला सुलझने की उम्मीद
Chandigarh : दशकों से चले आ रहे Haryana Punjab SYL Dispute को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर पहल की है… केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री Nayab Saini और पंजाब के मुख्यमंत्री Bhagwant Mann को पत्र भेजकर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है. सूत्रों की मानें तो ये बैठक 10 जुलाई को हो सकती है.
Supreme Court ने दिए थे निर्देश

केंद्र सरकार की ओर से ये पहल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री CR Patil के नेतृत्व में हुई है जिन्होंने अपने पूर्ववर्ती गजेंद्र सिंह शेखावत के समय विफल रही बातचीत के बाद इस दिशा में कदम उठाया है. मई 2025 में Supreme Court ने दोनों राज्यों को इस मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने जल शक्ति मंत्री को mediator की भूमिका निभाने और सक्रिय रूप से समस्या का समाधान निकालने को कहा था. अब खुद केंद्रीय मंत्री पाटिल ने पुष्टि की है कि SC के निर्देशानुसार SYL Issue का समाधान निकालने के प्रयास जारी हैं. कोर्ट में मामले को लेकर अगली सुनवाई 13 अगस्त 2025 को होनी है.
SYL विवाद का पुराना इतिहास

- SYL Canal जो 214 किलोमीटर लंबी है. इसका 122 किमी हिस्सा पंजाब में है तो वहीं 92 किमी हरियाणा में है.
- SYL का निर्माण 1981 के water sharing agreement के तहत शुरू हुआ था. हरियाणा ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया लेकिन पंजाब ने 1982 में ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
- 2002 और 2004 में Supreme Court ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया और पंजाब को नहर निर्माण पूरा करने को कहा.
- 2004 में पंजाब ने Punjab Termination of Agreements Act पारित कर 1981 का समझौता रद्द कर दिया, जिसे 2016 में Supreme Court ने असंवैधानिक घोषित किया.
- मई 2025 में Supreme Court ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि नहर के लिए अधिग्रहित जमीन को de-notified करना court orders की अवहेलना है.
हरियाणा को अब तक हुआ नुकसान
SYL Canal के ना बनने से हरियाणा को 19,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है… दक्षिणी हरियाणा की 10 लाख एकड़ कृषि भूमि पानी की कमी के कारण बंजर होने की कगार पर है. हर साल 42 लाख टन अन्न उत्पादन का नुकसान हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2023 में PM Modi के साथ बैठक करके बताया था कि अगर नहर 1983 में बन जाती तो हरियाणा 130 लाख टन अतिरिक्त अनाज का उत्पादन कर सकता था. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार की मध्यस्थता और Supreme Court के दबाव के बीच 10 जुलाई की बैठक से दोनों राज्यों का 46 साल पुराना या विवाद सुलझ सकता है.
