
दिनेश मलिक, BSF जवान
Haryana Ke Lal Ka Kamaal. पहलवान या सेना में जवान? आखिर कौन हैं 2 Pakistani Post उड़ाने वाले दिनेश मलिक. BSF देगी मेडल.
Rohtak : Pahalgam Attack के बाद भारत और पाकिस्तान में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा था. 7 मई की रात India ने Air Strike करके पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया और नापाक आतंकी फैक्ट्रियों का नामोनिशान मिटा दिया. अब पाकिस्तान तिलमिला रहा था… वो सोच रहा था कि भारत ने लगातार तीन बार हमें घर में घुस कर मारा है. ऐसे में वो बदला लेने की तैयारी कर रहा था. दूसरी तरफ भारत के सरहदी इलाकों में भी भरतीय सेना के जवानों को मुंह तोड़ जवाब देने के निर्देश दिए जा चुके थे.
पाकिस्तान को उसकी भाषा में दिया जवाब

जम्मू कश्मीर के सांबा बॉर्डर से लौटे दिनेश मलिक बताते हैं कि 8 मई की रात को सेना के सात जवान सांबा बार्डर पर तैनात थे. हमें आधुनिक हथियार दिए गए थे ताकि पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया जा सके. रात को जैसे ही पाकिस्तानी पोस्ट की तरफ से फायरिंग शुरू हुई, तो हमारी टीम ने भी उसका मुंहतोड़ जवाब दिया. हमने पाकिस्तान की उस पोस्ट को ही उड़ा दिया जहां से फायरिंग हो रही थी. ये कहना है हरियाणा के लाल और एक जांबाज सिपाही दिनेश मलिक का. जो उन वीरों में शामिल हैं जिन्होंने Operation Sindoor के बाद बौखलाए Pakistan को उसी की भाषा में जवाब दिया था. दिनेश मलिक की इस वीरता के लिए उन्हे BSF की ओर से मेडल देने का ऐलान किया गया है. दिनेश मलिक मूल रूप से रोहतक के गांव गांधरा के रहने वाले हैं. जब वे अपने घर लौटे तो गांव के लोगों ने फूलों की माला और नोटों की माला पहना कर उनका भव्य स्वागत किया… पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देकर गांव लौटने वाले दिनेश की एक झलक पाने के लिए गांव वाले बेताब थे. उन्होने पूरे जोश के साथ जवान का स्वागत किया और कार में बिठा कर उसे पूरे गांव में घुमाया गया.
पाकिस्तान को जड़ से मिटा दिया जाए
पाकिस्तान को करारा जवाब देकर गांव वापस लौटे दिनेश मलिक कहते है कि पाकिस्तानी हमले के दौरान सभी जवानों के मन में एक ही बात चल रही थी. वो ये कि इस बार पाकिस्तान को जड़ से मिटा दिया जाए. दिनेश ने बताया कि Air Strike के बाद से ही सीमा क्षेत्रों में तनाव जैसे हालात थे. 24 घंटे लगातार ड्यूटी चल रही थी. जवानों की छुट्टियां कैंसिल हो गई थीं. उनमें कई ऐसे जवान भी थे जिन्हे एक छुट्टी के बाद ही वापस आना पड़ा था. लेकिन देश सेवा के लिए हमारे जवानों ने घर परिवार या छुट्टियों की परवाह किए बिना तुरंत अपनी-अपनी पोस्ट आकर संभाली.
पाकिस्तान की 2 चौकियों को मिट्टी में मिलाया

दिनेश मलिक ने बताया कि हमें हर हाल में पोस्ट पर डटे रहने के निर्देश दिए गए थे. क्योंकि Air Strike के बाद लगातार तनाव बढ़ता जा रहा था. 8 मई को हमारी तरफ Pakistani Post की ओर से फायरिंग शुरू हो गई. जिसके जवाब में हमनें भी जवाबी कार्रवाई की और Samba Border से पाकिस्तान की 2 चौकियों को खत्म कर दिया. सेना की तरफ से अलग-अलग टीमें बनाई गई थी जिन्होंने अलग-अलग पोस्ट को संभाला हुआ था. हमारी पोस्ट पर 7 जवान थे जो लगातार जमीन पर लेटकर बार्डर की रक्षा करते रहे. हमारी टीम पूरे 10 दिनों तक बार्डर पर डटी रही. जब Ceasefire हुआ तब कहीं जाकर बॉर्डर पर शांति हुई.
पहलवान या सेना में जवान… कौन हैं दिनेश मलिक?

Rohtak के गांधरा गांव में जन्में दिनेश किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं. दिनेश को बचपन से ही कुश्ती का शौक था. पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे. चाचा सुनील मलिक से प्रेरणा लेकर उन्होंने पहलवानी के अखाड़े में अपना पहला कदम रखा था और 10 साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी. रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से BA की पढ़ाई करने वाले दिनेश कुश्ती के खिलाड़ी है. उन्होंने 19वीं मिलिट्री चैंपियनशिप में 97kg भार वर्ग में भाग लिया था और अपने कॉम्पिटीटर पहलवान को हराकर चैंपियनशिप जीती थी. इससे पहले वे नेश्नल और इंटरनेश्नल कुश्ती प्रतियोगिताओं में भी हरियाणा के लिए ब्रॉन्ज़ मेडल जीत चुके हैं. इसी के चलते खेल कोटे से साल 2018 में दिनेश मलिक BSF में भर्ती हुए थे. इस दौरान उनकी कई जगह पोस्टिंग हुई… फिलहाल जवान की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के सांबा बॉर्डर पर है जहां वे देश की सेवा कर रहे हैं. दिनेश का कहना है कि बुलंद हौसलों वाली हमारी Indian Army जैसी दुनिया में कोई सेना नहीं है. देश के ऐसे वीर जवानों को खबरीलाल का सलाम.
बहुत सुंदर….. जय हिन्द जय हिन्द की सेना!!
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