हरियाणा में रिटायर होने वालों को झटका… सरकार ने नियमों में किया संशोधन… अब 58 के बाद 2 साल तक री-एम्प्लॉयमेंट. अधिकतम आयु 63 वर्ष.
Chandigarh : Haryana Government ने सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद री-एम्प्लॉयमेंट के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं… मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने 18 अगस्त को जारी पत्र के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) नियम, 2016 के नियम-143 के तहत केवल असाधारण परिस्थितियों में 58 वर्ष की आयु के बाद अधिकतम 2 वर्ष तक री-एम्प्लॉयमेंट की अनुमति दी जाएगी. यह नीति कुछ विभागों जैसे कानून-व्यवस्था, नियामक कार्य, प्रशासनिक महत्व, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और सार्वजनिक उपयोगिताओं से संबंधित विभागों पर लागू होगी.
संशोधन के मुख्य बिंदु

- कमेटी का पुनर्गठन – सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे… यह कमेटी री-एम्प्लॉयमेंट के लिए व्यक्तिगत और श्रेणी/वर्ग स्तर के प्रस्तावों की समीक्षा करेगी. कमेटी हर महीने एक निश्चित तिथि पर बैठक कर प्रस्तावों पर विचार करेगी. समिति की मंजूरी के बाद मामले को मंत्रिपरिषद के पास दोबारा भेजने की जरूरत नहीं होगी.
- जूनियर कर्मचारियों के प्रमोशन पर प्रभाव – री-एम्प्लॉयमेंट केवल तभी स्वीकृत होगा, जब यह संगठन के उद्देश्यों के लिए आवश्यक हो और जूनियर कर्मचारियों की पदोन्नति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. री-एम्प्लॉयमेंट के लिए कर्मचारी का सेवा रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए, जिसमें अधिकांश वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट्स अच्छी या उससे ऊपर हों और कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित न हो.
- अधिकतम आयु सीमा 63 वर्ष – री-एम्प्लॉयमेंट के लिए अधिकतम आयु सीमा 63 वर्ष निर्धारित की गई है ताकि कर्मचारी 65 वर्ष तक कम से कम 2 वर्ष सेवा दे सकें. 2 वर्ष से अधिक री-एम्प्लॉयमेंट किसी भी स्थिति में नहीं होगा. यदि इसके बाद भी सेवाएं चाहिए तो केवल अनुबंध पर नियुक्ति होगी जिसके लिए मानव संसाधन विभाग की पूर्व स्वीकृति जरूरी होगी.
- मंत्री और वित्त विभाग की स्वीकृति – प्रशासनिक विभाग को अपने मंत्री-प्रभारी की स्वीकृति लेनी होगी… इसके बाद मामला मानव संसाधन विभाग (HR-I शाखा) को भेजा जाएगा. समिति की सिफारिशों के बाद प्रशासनिक विभाग को वित्त विभाग की सहमति और मुख्यमंत्री की अंतिम स्वीकृति के बाद ही री-एम्प्लॉयमेंट आदेश जारी होंगे.
- किन पर लागू नहीं होंगे निर्देश – यह नीति उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी जिनकी री-एम्प्लॉयमेंट की अवधि मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद अभी जारी है. स्वास्थ्य और ESI विभाग के चिकित्सकों के लिए रिटायरमेंट और री-एम्प्लॉयमेंट की शर्तें 21 नवंबर 2016 की गजट अधिसूचना या संबंधित विभागीय निर्देशों के अनुसार होंगी.
पुरानी नीति और नई नीति में अंतर
- पुरानी नीति – पहले Haryana में रिटायरमेंट की आयु सामान्य कर्मचारियों के लिए 58 वर्ष और ग्रुप-D कर्मचारियों के लिए 60 वर्ष थी… 70% से अधिक दिव्यांगता वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष है.
- नई नीति का उद्देश्य – यह संशोधन अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं को सीमित और असाधारण परिस्थितियों में उपयोग करने के लिए है ताकि जूनियर कर्मचारियों के अवसर प्रभावित न हों.
