 
                  6 लाख परिवार BPL कैटेगरी से बाहर… विपक्ष का सैनी सरकार पर आरोप – ‘चुनाव के वक्त अचानक बढ़ाए गए थे लाभार्थी’
Chandigarh : हरियाणा सरकार ने हाल ही में 6.36 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) श्रेणी से बाहर कर दिया है. चार महीने पहले प्रदेश में BPL परिवारों की संख्या 52.50 लाख थी, जो अब घटकर 46.14 लाख रह गई है. सरकार का दावा है कि इन परिवारों की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से ज्यादा है या उनके नाम पर महंगी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं. हालांकि Nayab Singh Saini सरकार के इस फैसले पर अब सवाल उठ रहे हैं क्योंकि कई परिवारों ने बताया कि उनके पास ना तो गाड़ियां हैं और ना ही आय में कोई बढ़ोतरी हुई है.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ने 30 जून 2025 को जारी डेटा में बताया कि 6,36,136 परिवारों को BPL सूची से हटा दिया गया है. इसके चलते इन परिवारों को अगस्त 2025 से मुफ्त राशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
- फरीदाबाद में सबसे ज्यादा 20,266 राशन कार्ड रद्द किए गए.
- पानीपत में 15,502, करनाल में 15,059, अंबाला में 14,501, गुरुग्राम में 14,301 कार्ड कटे.
- सोनीपत में 12,498, यमुनानगर में 10,964, कुरुक्षेत्र में 10,278, रोहतक में 9,210, सिरसा में 7,896 और झज्जर में 7,715 कटे.
गड़बड़ियों के मामले सामने आए

- गलत वाहन रजिस्ट्रेशन – कई परिवारों ने शिकायत की है कि उनकी परिवार पहचान पत्र प्रणाली में गलत डेटा दर्ज किया गया.
- बिना सर्वे के आय बढ़ोतरी – कई मामलों में बिना किसी भौतिक सत्यापन के परिवारों की आय को PPP में बढ़ा दिया गया जिसके आधार पर उनके कार्ड रद्द किए गए.
- चुनावी कनेक्शन – लोकसभा और विधानसभा चुनाव (2024) से पहले BPL लाभार्थियों की संख्या 5 लाख बढ़ गई थी लेकिन BJP की तीसरी सरकार बनने के बाद अचानक कटौती शुरू हो गई. विपक्षी नेताओं ने इसे चुनावी लाभ के लिए सूची बढ़ाने और अब सफाई अभियान का आरोप लगाया है.
प्रभावित परिवारों की शिकायतें
- कई परिवारों को राशन डिपो पर पहुंचने पर पता चला कि उनके कार्ड रद्द हो चुके हैं.
- CSC सेंटर पर जांच में गलत वाहन रजिस्ट्रेशन और आय की गड़बड़ी सामने आई, लेकिन सुधार की प्रक्रिया धीमी है.
- प्रभावित लोग CM Window के जरिए शिकायत दर्ज कर रहे हैं लेकिन समाधान में देरी हो रही है.
सरकार का क्या तर्क है?

- सरकार का कहना है कि ये कटौती सत्यापन अभियान का हिस्सा है, ताकि केवल पात्र परिवारों को ही BPL लाभ मिले.
- PPP डेटा में आयकर रिकॉर्ड, वाहन स्वामित्व और संपत्ति के आधार पर स्वचालित सत्यापन किया गया.
- हाल ही में दोपहिया वाहन को भी BPL अयोग्यता का मानदंड बनाया गया है, जो पहले केवल चार-पहिया वाहनों तक सीमित था.
सिस्टम ने गरीबों को मुश्किल में डाला?
BPL Card रद्द होने से लाखों परिवारों के लिए मुफ्त राशन और सरकारी योजनाओं का लाभ बंद हो गया है. PPP सिस्टम में गलत डेटा और सत्यापन की कमी ने गरीब परिवारों को परेशानी में डाला है. कई लोग जांच और सुधार की मांग कर रहे हैं, ताकि वास्तविक पात्र परिवारों को लाभ मिल सके. इस मामले में पारदर्शिता और सटीकता की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है.

 
         
         
        