 
                  गुटखा-पान मसाला पर एक साल के लिए पूर्ण प्रतिबंध… बनाने वालों से लेकर बेचने वालों पर 10 लाख तक जुर्माना. कैंसर के बढ़ते केसों को देख सरकार का कदम
Chandigarh : हरियाणा सरकार ने आज एक ऐसा फैसला लिया है जो प्रदेश के एक वर्ग के लिए खुशियों की लहर लेकर आया है तो वहीं दूसरे वर्ग पर दुखों का पहाड़ बनकर टूट पड़ा है. दरअसल हरियाणा में हर महीने करीब 3000 और सालभर में करीब 30,000 ने Cancer के केस सामने आने से हड़कंप मच गया है. इतने तो बेड नहीं हैं जितने मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में Nayab Saini सरकार ने प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है…
प्रोडक्शन, सेल, स्टोर करने वालों पर एक्शन

Food and Drug Department के नोटिफिकेशन के अनुसार इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है. यह कदम जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है क्योंकि तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पाद Cancer जैसी घातक बीमारियों की बड़ी वजह हैं. केंद्र सरकार ने 2011 में ही इन पर राष्ट्रीय स्तर पर बैन लगा दिया था लेकिन राज्य स्तर पर Haryana ने अब इसे और सख्ती से लागू किया है.
सख्ती से पालन के निर्देश

Haryana Government ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई होगी… इसमें 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और जेल की सजा शामिल है. हाल ही में 13 सितंबर 2025 को स्कूलों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी बैन लगाया गया था जो इस अभियान का हिस्सा है.
क्यों लगाया गया बैन?

Haryana में तंबाकू उत्पादों के सेवन से Cancer के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं… राज्य में हर महीने औसतन 2,500 से 3,000 नए कैंसर मरीज सामने आ रहे हैं जबकि सालाना ये संख्या लगभग 30,000 से 35,000 तक पहुंच रही है जो कि गंभीर चिंता विषय है. आप ये जान कर हैरान होंगे कि साल 2020 से 2022 तक यानि दो से तीन सालों में करीब 90,000 नए मामले दर्ज हुए जिनमें से 49,649 मौतें हुईं. 30 साल से ऊपर की आबादी में प्रति 1 लाख लोगों पर 102 कैंसर केस पाए जाते हैं.
जनहित में उठाया ये कदम
गुटखा और पान मसाला में निकोटिन भारी धातुएं और अन्य विषाक्त रसायन होते हैं, जो मुंह, गला, फेफड़े और शरीर के दूसरे अंगों में Cancer का खतरा बढ़ाते हैं… हर महीने करीब 1,500 मरीज Cancer से जान गंवा देते हैं. इसलिए जनहित में ये फैसला लिया गया है. राष्ट्रीय स्तर पर 2025 तक Cancer Case 1.57 मिलियन होने का अनुमान है, जिसमें तंबाकू सबसे बड़ी वजह है.
निर्माण से बिक्री तक पूर्ण रोक

फिलहाल Food and Drug Department के आयुक्त ने एक साल के लिए इन आदेशों को मंजूरी दी है… अब न तो इन्हें स्टोर किया जा सकेगा और न ही बेचा जा सकेगा. उल्लंघन पर FSSAI के तहत तत्काल कार्रवाई होगी. विभाग दुकानों और फैक्ट्रियों का नियमित निरीक्षण करेगा.
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधान
निरीक्षण और जब्ती – FSSAI और राज्य अधिकारी दुकानों/कंपनियों का निरीक्षण करते हैं… असुरक्षित उत्पाद जब्त किए जा सकते हैं. तत्काल जब्ती, कोई जुर्माना नहीं.
कानूनी कार्रवाई – नियम तोड़ने पर FIR, कोर्ट में मुकदमा… स्वास्थ्य के लिए खतरनाक उत्पाद बेचने पर सख्ती. कोर्ट ट्रायल, जेल संभव.
जुर्माना और सजा – स्वास्थ्य हानि वाले उत्पाद पर 10 लाख तक जुर्माना… मौत पर 7 साल से आजीवन जेल + 10 लाख जुर्माना. मामूली उल्लंघन पर 2 लाख तक.
यह अधिनियम खाद्य उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है… साथ ही सरकार ने स्टेज III-IV Cancer मरीजों के लिए मासिक 3,000 रुपये की सहायता भी शुरू की है. हरियाणा में अब तक 60,000 से ज्यादा Cancer Case सरकारी अस्पतालों में दर्ज हुए, लेकिन बेड सिर्फ 915 उपलब्ध हैं. ऐसे में आप खुद सोचिए कैसे मरीजों का इलाज होगा.? इसलिए सावधान रहिए और Say No To Tobacco…

 
         
         
         
        
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