GuruPoornima ने वृंदावन-मथुरा को फिर भर दिया श्रद्धा की रोशनी से। कलश यात्रा से शुरू हुआ गुरु भक्ति का महाकुंभ।
🌸 श्रद्धा की डोर, गुरु के चरण
🟢 GuruPoornima से जुड़ा पवित्र आह्वान
वृंदावन और मथुरा की पावन भूमि पर ‘GuruPoornima’ का शुभारंभ होते ही वातावरण में भक्ति की सुगंध घुल गई है। मुड़िया पूर्णिमा का मेला कोई साधारण मेला नहीं, यह तो गुरु शिष्य परंपरा की अमर ज्योति है। हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था की थाल सजाए, अपने-अपने गुरु के चरणों में शीश नवाने पहुंचे हैं।
🟣कलश यात्रा से यमुना पूजन

पर शुद्धि का संकल्प
राधा किशोरी सेवा धाम के संत महामंडलेश्वर स्वामी इंद्र देव जी महाराज ने यमुना पूजन से इस पुण्य पर्व का श्रीगणेश किया। कलश यात्रा में भक्त सिर पर कलश रखकर यमुना माता से पवित्रता का आशीर्वाद मांगते हैं। कलश में भरा जल सिर्फ पानी नहीं, श्रद्धा की धार है जो युगों से गुरु-शिष्य के रिश्ते को सींचती आई है। ‘GuruPoornima’ पर ये यात्रा श्रद्धालुओं के मन में शांति और संयम का दीप जलाती है।
भक्तों के सैलाब में व्यवस्था का संबल

जहां आस्था का सागर उमड़े, वहां सुरक्षा की धारा भी बहे। प्रशासन और पुलिस कर्मी दिन-रात चौकस हैं जिससे ‘GuruPoornima’ की महिमा में कोई विघ्न न पड़े। हर चौराहे पर पुलिस, हर घाट पर सेवक — सब मिलकर श्रद्धालुओं को निश्चिंत करते हैं कि गुरु दर्शन निर्विघ्न हो।
गुरु की छांव में जीवन धन्य

🟣 GuruPoornima पर गुरु-शिष्य मिलन
गुरु का आशीर्वाद ही जीवन की असली पूंजी है। मठ-मंदिर और आश्रमों में शिष्यों के स्वागत के लिए हर सुविधा की पावन व्यवस्था है। श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं, गुरु के चरणों में लोटकर जीवन के सारे पाप धो देते हैं। ‘GuruPoornima’ पर गुरु का सान्निध्य मिलना, पिछले जन्मों का पुण्य फल माना जाता है।
इंतजार का मीठा फल

भक्तों को पूरे साल जिस दिन का इंतजार रहता है, वो ‘GuruPoornima’ ही है। यही तो वो क्षण होता है जब शिष्य अपने गुरु से नया मार्गदर्शन पाते हैं। परिक्रमा करते हैं, भजन गाते हैं, कलश यात्रा में शामिल होकर यमुना माता से भी पावन आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन वृंदावन, गोवर्धन और मथुरा जैसे जाग उठते हैं — हर कोना ‘गुरु गुरु’ के उच्चारण से गूंज उठता है।
पुलिस भी हुई भक्तमय!
जहां भक्तों की भीड़, वहां प्रशासन की फौज! मंडल स्तर के अधिकारी सीसीटीवी से लेकर चाय की प्याली तक मुस्तैद हैं। ‘GuruPoornima’ के नाम पर परिक्रमा से लेकर पूजा तक— सब शांति से हो, बस इसी में पुलिस की आस्था भी जुड़ गई है। इधर गुरु अपने शिष्यों के लिए चाय-बिस्कुट की टोकरी सजाते हैं, उधर पुलिस वाले लाठी ठोकते हैं— कोई खलल न पड़े।

GuruPoornima सिर्फ एक दिन नहीं, जीवन में गुरु के महत्व को समझने और अपने भीतर श्रद्धा को पुनर्जीवित करने का पवित्र पर्व है। वृंदावन-मथुरा तैयार है — कलश रखिए, श्रद्धा जगाइए और गुरु के चरणों में जीवन को समर्पित कर दीजिए!
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: मथुरा,यूपी
🗞️Reporter: अमित शर्मा
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