 
                  ‘सूअर के घर’ से गुरुग्राम की तुलना.! कुछ तो करो मोदी जी… राव इंद्रजीत बोले – “International Level पर फजीहत हो रही है”.
Gurugram Or Kudagram?. ये वाकई गज्जब का सवाल है… Cyber City Gurugram की ऊंची-ऊंची इमारतें, मल्टीनेशनल कंपनी, वस्टर्न कल्चर और चकाचौंध वाली तस्वीरें तो आप सबने देखीं होंगी… लेकिन आज जो हम आपको बताने और दिखाने जा रहे हैं वो तस्वीरें शायद ही आपने पहले कभी देखी होंगी. लेकिन यकीन मानिए हरियाणा को सबसे ज्यादा रिवेन्यू देने वाली मेट्रोपॉलिटन सिटी गुरुग्राम का सच यही है.
 
 
जगह-जगह बिखरे कचरे के ढेर और जलभराव से एक बार फिर Cyber City की फजीहत हुई है. ये तस्वीरें एक विदेशी महिला ने शेयर की हैं जो इन दिनों गुरुग्राम में रह रही हैं. साथ ही धज्जियां उड़ा रही हैं प्रधानमंत्री मोदी के Swachh Bharat Abhiyan की भी. लेकिन इस बार हरियाणा की इस High tech city की फजीहत किसी हरियाणवी नें नहीं बल्कि France से आई एक महिला ने की है.
‘सूअर के घर’ से गुरुग्राम की तुलना

फ्रांसीसी महिला मैथिडे आर. ने एक भारतीय से शादी की है और वो लंबे समय से गुरुग्राम में रह रही हैं. हाल ही में Mathilde ने अपने Social Media Platform X पर Gurugram की कुछ तस्वीरें डालीं और जमकर अपनी भड़ास निकाली. मैथिडे गुरुग्राम की Local Authorities से इतना ज्यादा गुस्सा हैं कि उसने गुरुग्राम की तुलना ‘सूअर के घर’ से कर डाली है जो वाकई बेहद शर्मनाक है. मैथिडे का कहना है कि “यहां रहना पूरी तरह अभिशप्त है. लोग अच्छा जीवन जीने के लिए Tax तो देते हैं लेकिन उस पैसे से अफसरों के महल बन जाते हैं और शहरों का हाल आपके सामने है”.
मैथिडे ने X पर लिखा…
- एक आधुनिक बड़ा शहर कूड़े के ढेर में बदल चुका है. पुराने दोस्त गुरुग्राम छोड़कर दिल्ली वापस जा रहे हैं या फिर India को ही छोड़ कर जा रहे हैं. उन्हे उम्मीद है कि बाहर जाकर ही उन्हे राहत मिलेगी. लेकिन उन लोगों का क्या जो यहां फंसे हुए हैं यहां शहर छोड़ कर नहीं जा सकते.? ऐसे लोग खुद को अभिशप्त महसूस करते हैं.
- गुरुग्राम के लोगों में निराशा है और गुस्सा बढ़ रहा है. वो सोच रहे हैं कि हम बेहतर जिंदगी के लिए टैक्स दे रहे हैं लेकिन उस पैसे से किसी और का महल बन रहा है. ऐस हालात कब तक रहेंगे.? Municipal Corporation कब तक गुजरे जमाने की मशीनों और Waste Management System से काम करता रहेगा. ये सिस्टम तो हमारी गाय मारते रहेंगे और सदियों से पोषित प्रकृति को प्रदूषित करते रहेंगे.!
- क्या सच में लगता है यहां इस हाल में Tourists आना चाहेंगे? वो यहां आएंगे तो उन्हें भी गंदी और खतरनाक सड़कों पर चलना पड़ेगा. अगर आप Gurugram में रहते हैं या काम करते हैं तो आपको गंदे पानी और लोगों के मल से होकर गुजरना पड़ सकता है. अपनी गलियों से निकलने की कोशिश में आपको सड़क पर मरना पड़ सकता है. आपके पास गंदगी भरी नालियां, सड़क पर पड़ा कूड़ा कचरा पार करने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचता.
कौन है फ्रांसीसी महिला मैथिडे?

मैथिडे का X Account देख कर पता चलता है कि वो एक Animal & Environment Lover हैं. X पर उनके 506 followers हैं, जबकि वो खुद सिर्फ 74 लोगों को फॉलो करती हैं. X पर मैथिडे की 313 पोस्ट और वीडियो हैं जिनमें उनकी अपनी एक भी फोटो या वीडियो नहीं है. उनकी पूरी Gallary पर्यावरण और गुरुग्राम से जुड़े बदहाल हालात की तस्वीरों से भरी पड़ी है.
हरियाणा में ऐसे बनेगा Disneyland?
आपको बता दें इससे पहले Jet Airways के Ex CEO Sanjeev Kapoor भी गुरुग्राम की बदहाली की तस्वीरें शेयर कर चुके हैं. उन्होने शहर के Sector-44 में सड़क किनारे फैले कूड़े की कुछ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि “महीनों बाद स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है… ये शर्म की बात है. @MunCorpGurugram @DC_Gurugram @cmohry को ना तो इस धरती का सम्मान है और ना ही टैक्स देने वाले नागरिकों का और ना ही गायों का. ऐसे में हरियाणा में Disneyland बनाना चाहते हैं? हास्यास्पद!”.
PM मोदी से हस्तक्षेप की अपील

अपनी पोस्ट में Sanjeev Kapoor ने PM Modi को भी टैग करते हुए हस्तक्षेप करने की अपील की थी… कपूर ने लिखा “@narendramodi जी कृपया कुछ कीजिए… #स्वच्छ भारत. कार के अंदर से ली इन फोटो के साथ Google Map से लिया गया Screenshot भी शामिल किया है ताकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सच्चाई का पता चल सके”.
केंद्रीय मंत्री ने भी लगाई फटकार

हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनवाने का दावा करने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री Rao Inderjit Singh भी दो महीने पहले गुरुग्राम की बदहाल तस्वीरों और जलभराव की समस्या को लेकर अधिकारियों खूब फटकार लगा चुके हैं. राव ने कहा था जलभराव की वजह से शहर की International Level पर फजीहत हो रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होने अधिकारियों से सवाल किया था कि आखिर हर साल एक ही समस्या क्यों दोहराई जाती है? जबकि इसके समाधान के लिए पहले से योजनाएं बनाई जाती हैं? उन्होने चेतावनी देते हुए अधिकारियों को इस बार मानसून से पहले तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे. लेकिन तब भी हाल वही ढाक के तीन पात रहा. और जिस बात का मंत्री जी को डर था, वही International Level पर बेइज्जती फिर से हो गई.

 
         
         
        