PM Modi:नई टैक्स व्यवस्था से आम जनता को मिलेगी बड़ी राहत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने हाल ही में GST (वस्तु एवं सेवा कर) में हुए ऐतिहासिक बदलावों को “आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा फैसला” करार दिया है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने इन सुधारों को देश के लिए एक नई शुरुआत बताया और कहा कि यह ‘डबल डोज़’ की तरह है – जो सपोर्ट और ग्रोथ दोनों को बढ़ावा देगा।
अब GST और भी सरल: सिर्फ दो टैक्स स्लैब
प्रधानमंत्री ने बताया कि GST को अब और सरल बना दिया गया है। पहले जहां चार टैक्स स्लैब थे – 5%, 12%, 18% और 28%, अब उसे घटाकर सिर्फ 5% और 18% कर दिया गया है।
यह बदलाव 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होंगे।
आम जनता को क्या होगा फायदा?
इस नई व्यवस्था का सीधा असर देश के हर परिवार पर पड़ेगा। अब खाद्य सामग्री, दवाइयां, घरेलू उत्पाद, यात्रा, रेस्टोरेंट में खाना, पर्सनल केयर आइटम्स, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और यहां तक कि गाड़ियां भी सस्ती हो सकती हैं। इससे महंगाई पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और खर्च में कटौती होगी।

छोटे व्यापारियों और उद्योगों को राहत
PM मोदी ने कहा कि यह सुधार घरों, छोटे व्यापारियों और उद्योगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। टैक्स प्रक्रिया अब ज्यादा पारदर्शी और आसान होगी, जिससे कारोबार करना सरल होगा और कागजी कार्रवाई कम होगी।
PM Modi का विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री ने विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले की सरकारें सामान्य चीजों पर भी भारी टैक्स लगाती थीं। चाहे वह रसोई का सामान हो, खेती-बाड़ी से जुड़ी चीजें हों या जीवन बीमा – हर चीज पर अलग-अलग टैक्स लिए जाते थे।
मोदी ने कहा कि अगर वही व्यवस्था आज होती, तो 100 रुपए की वस्तु पर 20-25 रुपए टैक्स देना पड़ता।
बदलाव क्यों है खास?
- यह 2017 में GST लागू होने के बाद का सबसे बड़ा सुधार है।
- टैक्स स्लैब कम होने से आम आदमी को राहत मिलेगी।
- सरकार का फोकस “कम टैक्स, ज्यादा सेवाएं” पर है।
- इससे भारत का टैक्स सिस्टम और ज्यादा पारदर्शी, आसान और जनहितैषी बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया GST 2.0 न सिर्फ टैक्स प्रणाली को सरल बनाता है, बल्कि आम नागरिकों और व्यापारियों को सीधा लाभ पहुंचाने वाला कदम है। यह फैसला भारत को 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
