देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों भारी संकट से गुजर रही है। लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन, देरी, क्रू की ड्यूटी लिस्ट में गड़बड़ी और आंतरिक कम्युनिकेशन की समस्याओं ने यात्रियों को बड़ी परेशानी में डाल दिया। मामला गंभीर होते ही केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई और अब इंडिगो को बड़ी राहत के बजाय तगड़ा झटका मिला है।

सरकार का बड़ा आदेश—IndiGo उड़ानों में 10% की कटौती
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को तत्काल प्रभाव से सभी रूट्स पर 10% उड़ानें कम करने का आदेश दिया है। मंत्रालय का कहना है कि एयरलाइन बहुत अधिक फ्लाइट्स ऑपरेट कर रही है, जिसके कारण शेड्यूल पर दबाव बढ़ रहा है और बार-बार रद्दीकरण हो रहा है। सरकार का मानना है कि उड़ानों की कटौती से ऑपरेशनल दिक्कतें घटेंगी और यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।
मंत्री के सामने हाथ जोड़ते दिखे IndiGo के CEO
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स खुद नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से मिलने पहुंचे और इस दौरान हाथ जोड़े नजर आए। मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि फ्लाइट रद्द होने के कारण हजारों यात्रियों को परेशानी हुई, इसलिए ये मामला “उच्च प्राथमिकता” पर निपटाया जा रहा है।

रिफंड और लगेज जल्द लौटाने का आदेश
सरकार ने इंडिगो को निर्देश दिया कि—
- 6 दिसंबर तक जिन यात्रियों की फ्लाइट प्रभावित हुई, उन्हें 100% रिफंड मिल चुका है
- बाकी यात्रियों के रिफंड पर काम तेज़ी से पूरा किया जाए
- लंबित लगेज की डिलीवरी फौरन पूरी की जाए
सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि इसमें किसी भी तरह की देरी या बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
IndiGo को सख्त चेतावनी
मंत्रालय ने एयरलाइन को ये सख्त हिदायतें दीं—
- सभी नियमों और किराया कैप का पूरी तरह पालन अनिवार्य है
- यात्रियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता हो
- 10% कटौती के बाद भी कोई शहर या डेस्टिनेशन बंद नहीं होगा
इंडिगो ने DGCA के शो-कॉज नोटिस का जवाब देते हुए यात्रियों से माफी मांगी और कहा कि इतनी बड़ी गड़बड़ी की “सटीक वजह” अभी बताना संभव नहीं है।
क्या बदल जाएगा यात्रियों के लिए?
इस सरकारी हस्तक्षेप के बाद यात्रियों को—
- कम फ्लाइट कैंसिलेशन
- शेड्यूल में कम देरी
- रिफंड जल्दी
- लगेज विवादों में समाधान जैसी सुविधाओं में सुधार देखने को मिलने की उम्मीद है।
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