Good news for sugarcane farmers : Uttar Pradesh की Yogi Adityanath के नेतृत्व वाली BJP सरकार ने प्रदेश के Sugarcane Farmers के आर्थिक हालात को पहले से अधिक बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने गन्ने के दाम में 30 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। सरकार के इस फैसले के बाद अब अब अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल होगा, जबकि सामान्य प्रजाति के लिए यह दर 390 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है। योगी सरकार की ओर से यह कदम प्रदेश के लगभग 45 लाख किसान परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया है। इस फैसले से राज्य के गन्ना किसानों को लगभग 3000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। योगी सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ा उपहार है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
अब तक चार बार बढ़ा गन्ने का दाम

योगी सरकार ने 2017 से अब तक चार बार गन्ने का मूल्य बढ़ाया है। इन निर्णयों से पिछले साढ़े आठ वर्षों में गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है जो पिछली सरकारों के 10 वर्षों के मुकाबले 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक है।
सरकार के प्रभावी प्रबंधन से प्रदेश में 4 नई चीनी मिलें स्थापित हुई हैं और 6 बंद मिलें दोबारा शुरू की गई हैं। इससे 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। ‘स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली’ लागू होने से गन्ना पर्ची अब ऑनलाइन होती है, जिससे बिचौलियों का दखल समाप्त हुआ और किसानों को भुगतान सीधे डीबीटी के जरिए मिलने लगा है।
एथेनॉल उत्पादन में यूपी नंबर वन

योगी सरकार के अनुसार, उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन और गन्ना क्षेत्रफल दोनों में देश में प्रथम स्थान पर है। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा गन्ने के दाम बढ़ाने के बाद उत्तर प्रदेश में भी किसानों की यह मांग तेज हो गई थी। पिछले पेराई सत्र 2023-24 में अगैती प्रजाति के मूल्य में 20 रुपये की वृद्धि हुई थी, जिससे यह 370 रुपये प्रति क्विंटल हुआ था। अब इसे 400 रुपये किया गया है यानी दो वर्षों में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
चीनी उत्पादन में यूपी देश में दूसरे नंबर पर

प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं। उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया था। 21 मिलों को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया था। लेकिन, योगी सरकार ने पारदर्शी प्रबंधन के जरिए चीनी उद्योग में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश लाया है।
बंद मिलों को चालू करवाया
राज्य में 8 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं। 6 बंद मिलों को फिर से शुरू किया गया और 42 मिलों में उत्पादन क्षमता का विस्तार किया गया। इस सुधार से चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर वृद्धि हुई है।
करोड़ों के बकाया का किया निपटारा

प्रदेश में 42 लाख परिवार और 45 लाख श्रमिक गन्ना खेती से जुड़े हैं। सरकार ने पिछले छह वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये के बकायों का निपटारा भी किया है, जिससे मिल मालिकों और किसानों के बीच विश्वास बहाल हुआ है। चीनी उद्योग विभाग का लक्ष्य 2025-26 में सकल मूल्य उत्पादन को 1,41,846 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है, जिसमें चीनी रिकवरी दर को 9.56 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.50 प्रतिशत करने की योजना शामिल है।
UP के सैटेलाइट ऑफिस, देश के 5 महानगर और अचूक रणनीति..CM Yogi की बहुत बड़ी तैयारी !

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