Gonda News: वन विभाग के दावों पर हावी, वन माफियाओं का आतंक!
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Gonda News: गोंडा जिले के करनैलगंज क्षेत्र में हरे-भरे पेड़ों का अवैध कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा. आए दिन वृक्षों की कटाई की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो क्षेत्र की हरियाली और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं. वन विभाग भले ही कार्रवाई के दावे कर रहा हो, लेकिन स्थानीय स्तर पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
पेड़ों की कटाई जारी है !
पिछले एक सप्ताह में करनैलगंज थाना क्षेत्र में दो स्थानों पर पेड़ काटे जाने की घटनाएं सामने आई हैं. पहली घटना लखनऊ-गोंडा हाईवे के पास पावर हाउस के निकट हुई, जहां कई हरे पेड़ों को बेरहमी से काट दिया गया. दूसरी घटना भभुआ पुलिस चौकी के अंतर्गत चिंगारियां गांव के अवस्थी पुरवा में हुई, जहां दर्जनों पेड़ों के कटने की बात सामने आई है.
वन विभाग का खंडन
वन विभाग के अधिकारी, वन दारोगा अशोक पांडे ने दावा किया कि केवल दो पेड़ काटे गए और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. हालांकि, स्थानीय लोग इसे हकीकत का छोटा-सा हिस्सा बताते हैं. उनका कहना है कि क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का सिलसिला लगातार जारी है और जिम्मेदार अधिकारी इस पर आंखें मूंदे हुए हैं.

पर्यावरण पर गहराता संकट
एक तरफ सरकार वन महोत्सव जैसे आयोजनों के जरिए पौधरोपण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर वन माफिया मुनाफे के लिए हरे-भरे और छायादार पेड़ों को काटने में जुटे हैं. ये लोग बिना किसी डर के कटे हुए पेड़ों को वाहनों में भरकर आरा मशीनों तक ले जाते हैं. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का असर अब पर्यावरण पर साफ दिखाई दे रहा है. करनैलगंज का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. गर्मी और लू से बचने के लिए लोग छांव की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन यदि यही स्थिति रही तो भविष्य में छायादार पेड़ मिलना मुश्किल हो जाएगा.

सख्त कार्रवाई की जरूरत
स्थानीय निवासियों और प्रकृति प्रेमियों ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि वन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहे. यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो हरियाली का ये कत्ल क्षेत्र को गंभीर पर्यावरणीय संकट की ओर ले जाएगा.
